Vikrant Shekhawat : Nov 13, 2023, 11:30 PM
IND vs NZ: टीम इंडिया एक बार फिर वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेलने के लिए तैयार है. 21वीं सदी में खेले गए 6 वनडे वर्ल्ड कप में से पांचवीं बार टीम इंडिया सेमीफाइनल में पुहंची है. इसमें से भारत ने दो बार फाइनल खेला और 1 बार खिताब जीता. अब एक बार फिर टीम इंडिया अपने धमाकेदार प्रदर्शन के कारण खिताब की दावेदार बनी हुई है. फिर भी एक ऐसा संयोग बन रहा है, जिससे भारत के वर्ल्ड कप जीतने के सपने पर पानी फिरता दिख रहा है.12 साल पहले टीम इंडिया ने 2011 में वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. वो वर्ल्ड कप भारत में खेला गया था. इस बार भी भारत में ही वर्ल्ड कप 2023 खेला जा रहा है और टीम इंडिया ने जिस तरह का खेल दिखाया है, उससे तो यही लगता है कि उसके सामने सेमीफाइनल और फाइनल में भी राह ज्यादा मुश्किल नहीं होने वाली. टीम इंडिया ने लीग स्टेज में अपने सभी मैच जीते हैं और ऐसा प्रदर्शन ही फैंस के बीच इतने कॉन्फिडेंस का कारण है.सतर्क रहने की जरूरत
फिर भी लीग स्टेज में टीम इंडिया का प्रदर्शन जैसा भी रहा हो, सेमीफाइनल में उसके लिए चुनौती बेहद मुश्किल होगी. बुधवार 15 नवंबर को पहले सेमीफाइनल में भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा. वही टीम जिसने वर्ल्ड कप 2019 में भी भारत को सेमीफाइनल में हराया था. सिर्फ वो सेमीफाइनल ही नहीं, भारतीय टीम लगातार 2 सेमीफाइनल हार चुकी है. इसको देखते हुए भी टीम इंडिया को सतर्क रहने की जरूरत है. फिर भी इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के दबदबे को देखते हुए दावेदार उसे ही माना जा रहा है, जो कि गलत भी नहीं है.ये संयोग खतरनाक हैइसके बावजूद एक ऐसा संयोग सामने आया है, जो अच्छे संकेत नहीं दे रहा है. इसका लेना-देना टीम इंडिया के पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर रहने से है. बात असल में ऐसी है कि इस बार का वर्ल्ड कप राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया है. यानी वो फॉर्मेट, जिसमें हर टीम बाकी टीमों के साथ एक-एक मैच खेलती है. फिर टॉप-4 में रहने वाली टीमें सेमीफाइनल खेलती हैं. इससे पहले ये फॉर्मेट 1992 और 2019 के वर्ल्ड कप में इस्तेमाल हुआ था.इतिहास गवाह है कि पिछले दोनों मौकों पर जब इस फॉर्मेट में वर्ल्ड कप खेला गया तो पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर रहने वाली टीम खिताब नहीं जीत सकी. वर्ल्ड कप 1992 में न्यूजीलैंड पहले स्थान पर थी, जबकि 2019 में टीम इंडिया पहले स्थान पर थी. 1992 में पाकिस्तान ने खिताब जीता था, जबकि 2019 में इंग्लैंड ने. ये अपने आप में टेंशन देने के लिए काफी है. इतना ही नहीं, दोनों वर्ल्ड कप में टेबल-टॉपर टीम को सेमीफाइनल में ही हार का सामना करना पड़ा था. टीम इंडिया पहले ही एक बार इस तरह की शिकस्त झेल चुकी है. ऐसे में भारतीय फैंस को उम्मीद तो यही होगी कि इस बार इतिहास खुद को न दोहराए.
फिर भी लीग स्टेज में टीम इंडिया का प्रदर्शन जैसा भी रहा हो, सेमीफाइनल में उसके लिए चुनौती बेहद मुश्किल होगी. बुधवार 15 नवंबर को पहले सेमीफाइनल में भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा. वही टीम जिसने वर्ल्ड कप 2019 में भी भारत को सेमीफाइनल में हराया था. सिर्फ वो सेमीफाइनल ही नहीं, भारतीय टीम लगातार 2 सेमीफाइनल हार चुकी है. इसको देखते हुए भी टीम इंडिया को सतर्क रहने की जरूरत है. फिर भी इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के दबदबे को देखते हुए दावेदार उसे ही माना जा रहा है, जो कि गलत भी नहीं है.ये संयोग खतरनाक हैइसके बावजूद एक ऐसा संयोग सामने आया है, जो अच्छे संकेत नहीं दे रहा है. इसका लेना-देना टीम इंडिया के पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर रहने से है. बात असल में ऐसी है कि इस बार का वर्ल्ड कप राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया है. यानी वो फॉर्मेट, जिसमें हर टीम बाकी टीमों के साथ एक-एक मैच खेलती है. फिर टॉप-4 में रहने वाली टीमें सेमीफाइनल खेलती हैं. इससे पहले ये फॉर्मेट 1992 और 2019 के वर्ल्ड कप में इस्तेमाल हुआ था.इतिहास गवाह है कि पिछले दोनों मौकों पर जब इस फॉर्मेट में वर्ल्ड कप खेला गया तो पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर रहने वाली टीम खिताब नहीं जीत सकी. वर्ल्ड कप 1992 में न्यूजीलैंड पहले स्थान पर थी, जबकि 2019 में टीम इंडिया पहले स्थान पर थी. 1992 में पाकिस्तान ने खिताब जीता था, जबकि 2019 में इंग्लैंड ने. ये अपने आप में टेंशन देने के लिए काफी है. इतना ही नहीं, दोनों वर्ल्ड कप में टेबल-टॉपर टीम को सेमीफाइनल में ही हार का सामना करना पड़ा था. टीम इंडिया पहले ही एक बार इस तरह की शिकस्त झेल चुकी है. ऐसे में भारतीय फैंस को उम्मीद तो यही होगी कि इस बार इतिहास खुद को न दोहराए.