देश / NPR अपडेट होता तो आज प्रवासी मजदूर परेशान नहीं होतेः रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय आईटी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में शिरकत करते हुए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बात की। उन्होंने एनपीआर न होने से नुकसान की बात कही तो प्रवासी मजदूरों का एक अलग विभाग बनाने का सुझाव भी दिया। लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की परेशानी पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को यदि ईमानदारी से काम करने दिया होता

AajTak : May 30, 2020, 03:29 PM
दिल्ली:  केंद्रीय आईटी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में शिरकत करते हुए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बात की। उन्होंने एनपीआर न होने से नुकसान की बात कही तो प्रवासी मजदूरों का एक अलग विभाग बनाने का सुझाव भी दिया।

लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की परेशानी पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, "नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को यदि ईमानदारी से काम करने दिया होता तो आज कितने प्रवासी मजदूर किस-किस प्रदेश में हैं, उनका डाटा बन गया होता। उस डाटा को लेकर, स्किलिंग को लेकर हम काम रहे होते। यह तो देशहित में है और होना भी चाहिए।

जब रविशंकर प्रसाद से यह पूछा गया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यह कह रहे हैं कि किसी राज्य को यदि मजदूरों की जरूरत होगी तो उसके लिए राज्य इजाजत लेनी होगी। क्या आप इसके समर्थक हैं?

इस पर कानून मंत्री बोले, "वह कानून किस रूप में आएगा, उसके बाद इस पर विचार करना चाहिए। इसका पॉजिटिव रूप यह भी है कि हमारे बिहार और यूपी के मजदूरों का एक डाटा तो बनना चाहिए। अगर कोरोना ने इतनी बड़ी चुनौती देश के सामने दी है तो क्यों नहीं चिंता की जाए कि हमारे बिहारी लेह में हैं कि कोएंबटूर में, यूपी के लोग कन्याकुमारी में हैं या नॉर्थ ईस्ट में हैं।"

रविशंकर प्रसाद आगे बोले, "यह सही है देश में कोई कहीं भी जाकर कमाई कर सकता है लेकिन जब कोरोना की चुनौती आई है तो यह जरूरी है कि मजदूरों का डाटा बने, उनके स्किल सेट के बारे में जानकारी लगे, कौन कहां से है, कितने हैं, इसके बारे में जानकारी रहे। अब समय आ गया है कि हर राज्य में एक प्रवासी मजदूर का विभाग भी बनना चाहिए जिसका काम हो कि हमारे राज्य के मजदूर कहां हैं, उनकी क्या चिंता हो रही है, उस बारे में यह विभाग आग्रह करे।"

इससे पहले न्यायपालिका के बारे में रविशंकर प्रसाद ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, "हमारी प्रतिबद्धता न्यायपालिका की आजादी के लिए प्रमाणिक है और रहेगी। मैं एक बात बड़ी गंभीरता से कहूंगा कि चुनाव में हारे हुए लोग, बार-बार हराए गए लोग, कोर्ट के गलियारे से देश की राजनीति को नियंत्रित न करें।"

बता दें कि मोदी सरकार 2।0 के सत्ता पर काबिज हुए एक साल पूरा होने के मौके पर आजतक पर आज पूरे दिन ई-एजेंडा का मंच सजा रहेगा। ई-एजेंडा आजतक के मंच पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता शिरकत करेंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर एक तरफ जहां दिग्गज मंत्री कामकाज का लेखा-जोखा देंगे तो वहीं विपक्ष के नेता भी अपनी राय रख रहे हैं।