Russia-Ukraine War / जो काम बाइडेन नहीं कर पाए वो ट्रंप करेंगे, पुतिन के उड़े होश

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध पर नई रणनीति बन सकती है। MI6 के पूर्व प्रमुख का कहना है कि ट्रंप रूस को घुटनों पर लाने के लिए यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकते हैं। इससे रूस-यूक्रेन युद्ध महायुद्ध में बदल सकता है।

Vikrant Shekhawat : Nov 10, 2024, 09:34 AM
Russia-Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप के अगले अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की संभावना को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मची हुई है। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने का वादा किया था, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद वह पुतिन के साथ समझौते का रास्ता निकालेंगे। लेकिन अब एक नई रिपोर्ट ने सनसनी फैला दी है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के पूर्व प्रमुख सर रिचर्ड डियरलोव के अनुसार, ट्रंप का प्लान न केवल युद्ध को खत्म करना है, बल्कि रूस को घुटनों पर ला देने का है।

ट्रंप का 'खतरनाक' प्लान: रूस के खिलाफ बड़ी तैयारी

MI6 के पूर्व प्रमुख सर रिचर्ड डियरलोव ने दावा किया है कि ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद रूस पर दबाव बनाने की एक महाविनाशक योजना पर काम करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देने वाले हैं, ताकि रूस के प्रमुख शहरों पर सीधा हमला किया जा सके। इस योजना के तहत न केवल यूक्रेन को अधिक हथियार समर्थन मिलेगा, बल्कि अमेरिका और नाटो का सहयोग भी बढ़ेगा।

वर्तमान में, यूक्रेन के पास ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो और अमेरिका की ATACMS जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, लेकिन अमेरिका ने उन्हें केवल सीमित क्षेत्र में उपयोग की अनुमति दी है। इन मिसाइलों का उपयोग क्रीमिया और रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में ही हो रहा है। अब, यदि ट्रंप यूक्रेन को रूस के बड़े शहरों पर हमले की छूट देते हैं, तो इसका अर्थ महायुद्ध की तरफ बढ़ना होगा।

क्या ट्रंप ले सकते हैं महाविनाशकारी फैसला?

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कई बार रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति मांग चुके हैं, लेकिन जो बाइडेन ने इसे कभी अनुमति नहीं दी। यदि ट्रंप इसे अनुमति देते हैं, तो इससे नाटो और अमेरिका सीधे रूस के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। 1945 में जब राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने जापान पर परमाणु हमले का निर्णय लिया था, तब दुनिया ने परमाणु शक्ति की विनाशकारी ताकत देखी थी। अब ट्रंप द्वारा इसी तरह का निर्णय लेने की अटकलें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल रही हैं।

फिनलैंड में रूस की सीमा पर अमेरिका का शक्तिप्रदर्शन

अमेरिका ने फिनलैंड में अपने परमाणु बॉम्बर्स का शक्तिप्रदर्शन शुरू कर दिया है। फिनलैंड हाल ही में नाटो में शामिल हुआ है और इसकी भौगोलिक स्थिति रूस के लिए संवेदनशील मानी जाती है। 5 नवंबर को अमेरिका के B-52H बॉम्बर ने फिनलैंड के ऊपर उड़ान भरी, जो रूस को एक सीधा संदेश माना जा रहा है। यह बॉम्बर परमाणु क्षमता से लैस AGM-86B एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल ले जाने में सक्षम है, जिससे रूस पर दबाव और बढ़ गया है।

बढ़ता तनाव: क्या ट्रंप के फैसले से विश्व युद्ध का खतरा बढ़ेगा?

फिनलैंड और स्वीडन नाटो के नए सदस्य हैं, और इनके ऊपर अमेरिका के परमाणु बॉम्बर्स की उड़ान रूस के लिए स्पष्ट चेतावनी मानी जा रही है। अमेरिकी B-52 बॉम्बर्स ने फिनलैंड के ऊपर फिनिश और स्वीडिश फाइटर जेट्स के साथ उड़ान भरते हुए रूस को एक सीधा संदेश दिया है। यदि ट्रंप रूस के खिलाफ अपनी महाविनाशकारी योजना पर आगे बढ़ते हैं, तो यह रूस-यूक्रेन जंग को एक वैश्विक संघर्ष में बदल सकता है।

निष्कर्ष: क्या ट्रंप पुतिन को झुकाने में सफल होंगे?

ट्रंप के इस ‘खतरनाक’ प्लान को लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। ट्रंप यदि राष्ट्रपति बने, तो उनके कड़े रुख के कारण दुनिया एक बार फिर शीत युद्ध जैसे माहौल का सामना कर सकती है। हालांकि, अब यह देखना होगा कि ट्रंप की योजना क्या रूप लेती है और क्या इससे रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकल पाता है, या यह विश्व शांति के लिए एक और चुनौती बन जाएगी।