Vikrant Shekhawat : Aug 08, 2019, 04:13 PM
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री प्रधान मंत्री कार्यालय,कार्मिक, सार्वजनिक शिकायतें और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने शिलांग में ई-गवर्नेंस पर 22 वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करतेहुए कहा कि यह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का परिणाम है कि आज ई-गवर्नेंस अधिक प्रभावी हुआ है। उनका कहना था कि यह सम्मेलन नवीन परियोजनाओं को शुरू करने, नई पहलों, नई तकनीकों, नई प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने और नवीन दृष्टिकोणों के साथ शासन में प्रमुख मुद्दों का समाधान खोजने में आने वाली विभिन्न बाधाओं पर विचार-मंथन के लिए आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ सरकार द्वारा लक्ष्य उन्मुख निर्णय लेना है। सिंह ने यह भी कहा कि विभिन्न सत्रों में इस तरह विचार-विमर्श हो कि यह सम्मेलन ‘शिलॉग डिक्लेयरेशन’ के नाम से जाना जाए।
सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आजादी के बाद पहली बार किसी उत्तर-पूर्वी राज्यमें राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और लगभग सभी राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उनका कहना था कि, यह प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की देश के पूर्ववर्ती भागों तक पहुंचने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने मेघालय और अरुणाचल में रेल कनेक्टिविटी की भी चर्चा की और यह भी कहा कि अब हम विश्वास और संतुष्टि के साथ कह सकते हैं कि सरकार वस्तुतः इस देश के हर कोने पर पहुंच गई है।
केंद्रीय मंत्री नेई-गवर्नेंस की विभिन्न योजनाओं के बारे मे बताते हुए कहा किहमारी सरकार ने देश के नौजवानों पर विश्वास करते हुए राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने की प्रथा को समाप्त किया और यह भी कहा कि विगत वर्षों में 1500 नियम समाप्त किए गए। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के IRCTC रेल कनेक्ट ऐप और UMANG जैसी परियोजनाओं को शुरू किया गया है। सेवानिवृत्त सिविल सेवक को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंक तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और आम नागरिक अपने मोबाइल पर विभिन्न ऐप के माध्यम से अपने क्षेत्र में लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जान सकते हैं। उनका कहना था कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने उच्चतम स्तर पर ई-गवर्नेंस को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके अलावाभारत सरकार केप्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागने पिछले कुछ वर्षों में अभिनव प्रयोग के साथ महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के द्वारा लोगों में कार्य करने का जबरर्दस्त उत्साह है।
सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी शिकायत पोर्टल, CPGRAMSकई राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया है। डीएआरपीजी में पंजीकृत शिकायतों की कुल संख्या प्रति वर्ष औसतन लगभग 2 लाख हुआ करती थी। पिछले तीन वर्षों मेंपोर्टल कोतीन साल पहले की तुलना में लगभग सात गुना अधिकप्रति वर्ष 16 लाख शिकायतें मिली हैं। उनका कहना था कि शिकायत वहीं की जाती है जहां उसके निस्तारण की उम्मीद होती है और मोदी जी की सरकार ने यह उम्मीद जगाई है इसलिए शिकायतों की संख्या बढी है। सरकार की दक्षता में वृद्धि का विश्लेषण शिकायतों के निपटान के आंकड़ों की तुलना करके किया जा सकता है जो 95% से अधिक हो गए हैं। यह सरकार की जवाबदेही साबित करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक सुधार विभाग हमेशा केंद्र और राज्य सरकारों में सुधार की सुविधा के लिए अग्रणी रहा है और सुशासन प्रथाओं का प्रसार और प्रतिकृति के लिए पहल प्रदान की। इस प्रयास में विभाग ने राज्य सरकारों द्वारा की गई कई पहलों को वित्त पोषित किया है। सरकार में सुधार अब सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चैनलबद्ध हैं। उन्होंने डोनर मंत्रालय तथा डीओपीटी द्वारा ई-गवर्नेंस की दिशा में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन को अधिक नागरिक केंद्रित बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को नया स्वरूप दिया है।
सम्मेलन में बोलते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के.संगमा ने कहा कि डॉ जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित आज का कार्यक्रम इस बात का गवाह है कि उत्तर-पूर्व राज्यों का दर्जा बढा है। उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र के प्रभावी उपयोग से निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है। पहाडी राज्यों में कनेक्टिविटी की समस्या का जिक्र करते हुए संगमा ने कहा कि आज भी इस पर काम करने की आवश्यकता है। प्रभावी कनेक्टिविटी के बिना दूसरी परियोजनाओं को आम-जन तक पंहुचाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने सरकार से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कनेक्टिविटी के लिए नए टावर लगाने में सर्विस प्रोवाइडरों को आने वाली विभिन्न समस्याओं पर ध्यान देने का आग्रह किया।
संगमा ने कहा कि निचले दर्जे पर मोटीवेशनल कार्यक्रम आयेजित करने की आवश्यकता है जिससे ई-गवर्नेंस की दिशा में सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं।ई-गवर्नेंस के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सकारात्मक सोच की आवश्यकता है। उन्होंने स्मार्ट शहर की तरह स्मार्ट गांव विकसित करने पर भी जोर दिया।
22वें राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना उद्बोधन देते हुए मेघालय सरकार में आईटी मंत्री एच.दोहलिंग ने कहा कि सरकार को मजबूत बनाने में सूचना तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने आज आयोजित होने वाले इस सम्मेलन को डिजिटल इंडिया की दिशा में लाभप्रद बताया।
इससे पूर्व सचिव (एआर एंड पीजी)के.वी.ईपेनने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ई-गवर्नेंस के लिए प्रतिबद्ध है और वर्तमान समय में डिजिटल युग होने के कारण इस सम्मेलन की महत्ता बढ जाती है। उन्होंने सरकार के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में ऐसे सम्मेलनों को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के दौरानकेंद्र तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में बोलते हुए मेघालय के मुख्य सचिव पीएस थैन्ग्यिू का कहना था कि ई-गवर्नेंस के द्वारा जन सुविधाओं में बढोतरी हुई है। अजय प्रकाश साहनी, सचिव इलेक्ट्रानिक एंड आईटी (MeitY) ने कहा कि डिजिटल इंडिया के अगले दौर में जाने का सही समय है।
सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आजादी के बाद पहली बार किसी उत्तर-पूर्वी राज्यमें राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और लगभग सभी राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उनका कहना था कि, यह प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की देश के पूर्ववर्ती भागों तक पहुंचने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने मेघालय और अरुणाचल में रेल कनेक्टिविटी की भी चर्चा की और यह भी कहा कि अब हम विश्वास और संतुष्टि के साथ कह सकते हैं कि सरकार वस्तुतः इस देश के हर कोने पर पहुंच गई है।
केंद्रीय मंत्री नेई-गवर्नेंस की विभिन्न योजनाओं के बारे मे बताते हुए कहा किहमारी सरकार ने देश के नौजवानों पर विश्वास करते हुए राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने की प्रथा को समाप्त किया और यह भी कहा कि विगत वर्षों में 1500 नियम समाप्त किए गए। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के IRCTC रेल कनेक्ट ऐप और UMANG जैसी परियोजनाओं को शुरू किया गया है। सेवानिवृत्त सिविल सेवक को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंक तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और आम नागरिक अपने मोबाइल पर विभिन्न ऐप के माध्यम से अपने क्षेत्र में लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जान सकते हैं। उनका कहना था कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने उच्चतम स्तर पर ई-गवर्नेंस को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके अलावाभारत सरकार केप्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागने पिछले कुछ वर्षों में अभिनव प्रयोग के साथ महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के द्वारा लोगों में कार्य करने का जबरर्दस्त उत्साह है।
सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी शिकायत पोर्टल, CPGRAMSकई राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया है। डीएआरपीजी में पंजीकृत शिकायतों की कुल संख्या प्रति वर्ष औसतन लगभग 2 लाख हुआ करती थी। पिछले तीन वर्षों मेंपोर्टल कोतीन साल पहले की तुलना में लगभग सात गुना अधिकप्रति वर्ष 16 लाख शिकायतें मिली हैं। उनका कहना था कि शिकायत वहीं की जाती है जहां उसके निस्तारण की उम्मीद होती है और मोदी जी की सरकार ने यह उम्मीद जगाई है इसलिए शिकायतों की संख्या बढी है। सरकार की दक्षता में वृद्धि का विश्लेषण शिकायतों के निपटान के आंकड़ों की तुलना करके किया जा सकता है जो 95% से अधिक हो गए हैं। यह सरकार की जवाबदेही साबित करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक सुधार विभाग हमेशा केंद्र और राज्य सरकारों में सुधार की सुविधा के लिए अग्रणी रहा है और सुशासन प्रथाओं का प्रसार और प्रतिकृति के लिए पहल प्रदान की। इस प्रयास में विभाग ने राज्य सरकारों द्वारा की गई कई पहलों को वित्त पोषित किया है। सरकार में सुधार अब सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चैनलबद्ध हैं। उन्होंने डोनर मंत्रालय तथा डीओपीटी द्वारा ई-गवर्नेंस की दिशा में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन को अधिक नागरिक केंद्रित बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को नया स्वरूप दिया है।
सम्मेलन में बोलते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के.संगमा ने कहा कि डॉ जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित आज का कार्यक्रम इस बात का गवाह है कि उत्तर-पूर्व राज्यों का दर्जा बढा है। उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र के प्रभावी उपयोग से निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है। पहाडी राज्यों में कनेक्टिविटी की समस्या का जिक्र करते हुए संगमा ने कहा कि आज भी इस पर काम करने की आवश्यकता है। प्रभावी कनेक्टिविटी के बिना दूसरी परियोजनाओं को आम-जन तक पंहुचाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने सरकार से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कनेक्टिविटी के लिए नए टावर लगाने में सर्विस प्रोवाइडरों को आने वाली विभिन्न समस्याओं पर ध्यान देने का आग्रह किया।
संगमा ने कहा कि निचले दर्जे पर मोटीवेशनल कार्यक्रम आयेजित करने की आवश्यकता है जिससे ई-गवर्नेंस की दिशा में सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं।ई-गवर्नेंस के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सकारात्मक सोच की आवश्यकता है। उन्होंने स्मार्ट शहर की तरह स्मार्ट गांव विकसित करने पर भी जोर दिया।
22वें राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना उद्बोधन देते हुए मेघालय सरकार में आईटी मंत्री एच.दोहलिंग ने कहा कि सरकार को मजबूत बनाने में सूचना तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने आज आयोजित होने वाले इस सम्मेलन को डिजिटल इंडिया की दिशा में लाभप्रद बताया।
इससे पूर्व सचिव (एआर एंड पीजी)के.वी.ईपेनने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ई-गवर्नेंस के लिए प्रतिबद्ध है और वर्तमान समय में डिजिटल युग होने के कारण इस सम्मेलन की महत्ता बढ जाती है। उन्होंने सरकार के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में ऐसे सम्मेलनों को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के दौरानकेंद्र तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में बोलते हुए मेघालय के मुख्य सचिव पीएस थैन्ग्यिू का कहना था कि ई-गवर्नेंस के द्वारा जन सुविधाओं में बढोतरी हुई है। अजय प्रकाश साहनी, सचिव इलेक्ट्रानिक एंड आईटी (MeitY) ने कहा कि डिजिटल इंडिया के अगले दौर में जाने का सही समय है।