Bill Gates: आज जब भारत में कई बिजनेसमैन हफ्ते में 70 घंटे काम करने की वकालत कर रहे हैं, वहीं अमेरिकी अरबपति और माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने भविष्य को लेकर एक अनोखी भविष्यवाणी की है। उनके अनुसार, आने वाले समय में इंसानों को हफ्ते में केवल दो दिन ही काम करना पड़ेगा, क्योंकि बाकी का सारा काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से तेजी से पूरा हो जाएगा।
बिल गेट्स की भविष्यवाणी: AI करेगा काम आसान
फरवरी 2025 में ‘द टुनाइट शो’ में दिए गए इंटरव्यू में बिल गेट्स ने AI के प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि AI टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से विकसित हो रही है कि आने वाले 10 वर्षों में लोगों को काम करने की जरूरत पहले से काफी कम हो जाएगी। मशीनों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी और इसका असर कई तरह के व्यवसायों पर पड़ेगा।
गेट्स का यह इंटरव्यू अब भी चर्चा में है क्योंकि उन्होंने विस्तार से बताया कि AI किस तरह से कार्यक्षेत्रों में बदलाव लाने वाला है। उनके अनुसार, AI की मदद से काम की दक्षता बढ़ेगी और कार्यबल की कमी को दूर किया जा सकेगा। खासतौर पर हेल्थकेयर और एजुकेशन सेक्टर में AI क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
AI से मेडिकल और शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव
गेट्स ने बताया कि मेडिकल और शिक्षा क्षेत्र पर AI का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। AI टूल्स की मदद से मेडिकल जांच अधिक सटीक और तेज़ होगी, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी और छात्रों को उनकी जरूरत के हिसाब से शिक्षा मिल सकेगी। इसके अलावा, AI आधारित सेवाओं से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं और आवश्यक जानकारियां आसानी से उपलब्ध होंगी।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ कार्य ऐसे रहेंगे, जिन्हें इंसानों को ही करना होगा। उदाहरण के लिए, प्रोफेशनल स्पोर्ट्स, क्रिएटिव आर्ट्स, और अन्य क्षेत्रों में AI पूरी तरह से इंसानों की जगह नहीं ले सकता।
कार्यशैली में बड़ा बदलाव संभव
बिल गेट्स का यह दृष्टिकोण काफी उत्साहजनक है। AI से काम की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा, जिससे कंपनियां अधिक कुशल हो सकेंगी। हालाँकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव वास्तविकता में कब और कैसे आएगा। क्या हम सच में एक ऐसे युग की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ हफ्ते में केवल दो दिन काम करना ही पर्याप्त होगा?
यह भविष्यवाणी चाहे जितनी भी रोमांचक लगे, लेकिन इसके प्रभावों को पूरी तरह से समझने और लागू करने में अभी समय लगेगा। AI का प्रभाव हर उद्योग पर अलग-अलग होगा, और इससे जुड़े आर्थिक, सामाजिक और नैतिक पहलुओं पर भी विचार करना होगा।