दुनिया / UAE ने माफ किया डेढ़ करोड़ का जुर्माना, अब 20 साल बाद वतन लौटेगा भारतीय नागरिक

संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा एक भारतीय नागरिक दो दशक बाद स्वदेश लौट पाएगा। वक्त से ज्यादा रुकने के सिलसिले में उसपर लगाया गया करीब डेढ़ करोड़ रूपये का जुर्माना माफ कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। तानावेल मथियाझांगन (56) को वर्ष 2000 में एक एजेंट ने नौकरी दिलाने के वादे के साथ यूएई भेजा था।

Zee News : Sep 24, 2020, 09:09 AM
दुबईः संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रह रहा एक भारतीय नागरिक दो दशक बाद स्वदेश लौट पाएगा। वक्त से ज्यादा रुकने के सिलसिले में उसपर लगाया गया करीब डेढ़ करोड़ रूपये का जुर्माना माफ कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। तानावेल मथियाझांगन (56) को वर्ष 2000 में एक एजेंट ने नौकरी दिलाने के वादे के साथ यूएई भेजा था।

‘गल्फ न्यूज’ की खबर के अनुसार एजेंट के पास ही मथियाझांगन का पासपोर्ट था और कुछ दिन बाद एजेंट लापता हो गया। इसके बाद उसे भारत में अपने परिवार के भरण पोषण के लिए यूएई में अवैध रूप से रहना पड़ा और अंशकालिक नौकरी करनी पड़ी। खबर के अनुसार तमिलनाडु के रहने वाले इस व्यक्ति ने कोविड-19 महामारी के दौरान घर लौटने के लिए दो सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। उसके पास दस्तावेज के नाम पर उसका रोजगार वीजा प्रवेश परमिट और पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ की एक प्रति थी।

अबू धाबी में भारतीय दूतावास के माध्यम से मथियाझांगन को एक आपातकालीन प्रमाण पत्र दिलाने में मदद करने वाले एके महादेवन और चंद्र प्रकाश ने कहा कि वह महामारी के दौरान भारत से पहचान मंजूरी प्राप्त करने में नाकाम रहे थे क्योंकि पास्टपोर्ट में दर्ज पिता के नाम और स्वदेश में दस्तावेजों में दर्ज नाम में असमानता थी। 

आपात प्रमाणपत्र ऐसे भारतीयों को जारी किए जाते हैं जिनके पास वैध पासपोर्ट नहीं होते। इस प्रमाणपत्र के जरिए वह घर लौटने के लिए यात्रा कर सकते हैं। खबर में कहा गया कि महादेवन और प्रकाश ने गलती सुधारने के लिए भारतीय दूतावास और मथियाझांगन के गांव में स्थानीय विभागों से संपर्क किया।

अखबार ने प्रकाश के हवाले से कहा, ‘यूएई में भारतीय राजदूत पवन कपूर को जब इस मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने इसे हल करने में विशेष रुचि दिखाई।’’