Live Hindustan : Sep 26, 2019, 07:31 AM
नई दिल्ली. सुरक्षा एजेंसियां आतंक प्रभावित जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में अत्याधुनिक सर्विलांस तकनीक का इस्तेमाल करके आतंकियों व नक्सलियों की हर हरकत पर नजर रखेंगी। अत्याधुनिक तकनीक से लैस मानवरहित एरियल व्हीकल (unmanned aerial vehicle) (यूएवी) के कई नए मॉडल का फील्ड परीक्षण और पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की मंजूरी दी गई है। सरकार का मानना है कि नए मॉडल के यूएवी सुरक्षा एजेंसियों की आपरेशनल जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगी। इसके जरिये सघन जंगली इलाकों में चल रही खतरनाक गतिविधियों की टोह ली जा सकेगी। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि क्यू सीरीज के नए यूएवी, ए- 400 एंड जेनेसिस, रक्षकबोट,नेत्रा फेमिली आफ मल्टीरोटर यूएवी सहित कुछ अन्य यूएवी की नई सीरीज विकसित की गई है। इनका उपयोग खुफिया सूचनाएं जुटाने में ज्यादा बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इन उपकरणों का फील्ड ट्रायल भी किया जा रहा है। एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सघन जंगली इलाकों के अलावा काफी ऊंचाई से इन उपकरणों का उपयोग करके सूचनाएं एकत्र की जा सकती हैं।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यह सर्विलांस उपकरण हर तरह की परिस्थिति में काम कर सकते हैं। इसका बहुउद्देयीय उपायोग हो सकता है। कई एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनका उपयोग केंद्रीय सशस्त्र बलों सहित एनएसजी जैसे विशेषीकृत आतंकरोधी बल भी कर सकते हैं। राज्यों में भी जरूरत के मुताबिक आपरेशनल जरूरतों के मुताबिक इनका उपयोग किया जा सकता है। खासतौर पर राज्यों में बनाए गए आतंकरोधी पुलिस बलों के लिए इसे उपयोगी बताया गया है। सूत्रों ने कहा कि आतंकी व उग्रवादी चौंकाने वाले तरीके अपना रहे हैं। उनका मुकबाला करने के लिए सुरक्षा बलों को ज्यादा सक्षम और प्रभावी उपकरणों की जरूरत है,जो इनकी टोह लेने के अलावा डेटा विश्लेषण के लिहाज से भी कारगर हों।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यह सर्विलांस उपकरण हर तरह की परिस्थिति में काम कर सकते हैं। इसका बहुउद्देयीय उपायोग हो सकता है। कई एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनका उपयोग केंद्रीय सशस्त्र बलों सहित एनएसजी जैसे विशेषीकृत आतंकरोधी बल भी कर सकते हैं। राज्यों में भी जरूरत के मुताबिक आपरेशनल जरूरतों के मुताबिक इनका उपयोग किया जा सकता है। खासतौर पर राज्यों में बनाए गए आतंकरोधी पुलिस बलों के लिए इसे उपयोगी बताया गया है। सूत्रों ने कहा कि आतंकी व उग्रवादी चौंकाने वाले तरीके अपना रहे हैं। उनका मुकबाला करने के लिए सुरक्षा बलों को ज्यादा सक्षम और प्रभावी उपकरणों की जरूरत है,जो इनकी टोह लेने के अलावा डेटा विश्लेषण के लिहाज से भी कारगर हों।