Zee News : Sep 09, 2019, 08:07 AM
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का 42वां सत्र जेनेवा में सोमवार से शुरू हो रहा है. इस बैठक में पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को उठा सकता है. हालांकि, भारत ने एक बार फिर इस मुद्दे पर पाकिस्तान को मात देने की योजना तैयार कर ली है. पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 9 से 12 सितंबर के बीच भारत के खिलाफ अपने देश का नेतृत्व करेंगे. 9-27 सितंबर तक जेनेवा में चलने वाले इस सेशन में अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ प्रस्ताव आगे बढ़ाना चाहता है तो उसे 19 सितंबर से पहले ऐसा करना होगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संभाला मोर्चाभारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोर्चा संभाल लिया है. जयशंकर ने 47 सदस्यों के UNHRC के प्रत्येक सदस्य से मुलाकात और बातचीत की. पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया पहले से ही स्विटजरलैंड में हैं. यूएनएचआरसी, जेनेवा में भारत का नेतृत्व सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के अलावा पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया करेंगे.राजनयिकों के अनुसार, पाकिस्तान पहले इस स्थिति का आकलन करेगा, इसके बाद यूएनएचआरसी में तत्काल बहस या प्रस्ताव के लिए कहेगा. अगर पाकिस्तान यूएनएचआरसी अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर तत्काल बहस की बात करता है, तो भी वो अपने मकसद में कामियाब नहीं हो पाएगा. पिछले महीने भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. 16 अगस्त को चीन और ब्रिटेन (पहले राउंड में) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) पाकिस्तान का समर्थन किया था लेकिन अंतिम परिणाम भारत के हित में ही था. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका, फ्रांस और रूस ने भारत का समर्थन किया था. भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था जिसके बाद से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की स्थिति बताने के लिए चीन, इंडोनेशिया, मालदीव, बेल्जियम, पोलैंड, रूस और हंगरी का दौरा किया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संभाला मोर्चाभारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोर्चा संभाल लिया है. जयशंकर ने 47 सदस्यों के UNHRC के प्रत्येक सदस्य से मुलाकात और बातचीत की. पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया पहले से ही स्विटजरलैंड में हैं. यूएनएचआरसी, जेनेवा में भारत का नेतृत्व सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के अलावा पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया करेंगे.राजनयिकों के अनुसार, पाकिस्तान पहले इस स्थिति का आकलन करेगा, इसके बाद यूएनएचआरसी में तत्काल बहस या प्रस्ताव के लिए कहेगा. अगर पाकिस्तान यूएनएचआरसी अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर तत्काल बहस की बात करता है, तो भी वो अपने मकसद में कामियाब नहीं हो पाएगा. पिछले महीने भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. 16 अगस्त को चीन और ब्रिटेन (पहले राउंड में) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) पाकिस्तान का समर्थन किया था लेकिन अंतिम परिणाम भारत के हित में ही था. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका, फ्रांस और रूस ने भारत का समर्थन किया था. भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था जिसके बाद से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की स्थिति बताने के लिए चीन, इंडोनेशिया, मालदीव, बेल्जियम, पोलैंड, रूस और हंगरी का दौरा किया है.