उत्तर प्रदेश / यूपी सरकार ने खराब एक्यूआई वाले शहरों में दिवाली पर पटाखे जलाने पर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिवाली से पहले कोविड-19 के बीच खराब या इससे ऊपर की श्रेणी के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वाले शहरों में पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल बैन कर दिया है। मॉडरेट या इससे कम एक्यूआई वाले शहरों में सिर्फ दो-घंटे ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। बकौल राज्य सरकार, लखनऊ, कानपुर समेत 25 शहरों में एक्यूआई मॉडरेट है।

Vikrant Shekhawat : Oct 30, 2021, 11:09 AM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सूबे के 27 शहरों में वायु गुणवत्ता का अनुश्रवण करने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है कि दिवाली पर पूरे प्रदेश में ग्रीन यानी हरित पटाखे बेचे जा सकेंगे। इस बाबत अपर मुख्य सचिव शासन अवनीश कुमार अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि संबंधित क्षेत्र की वायु गुणवत्ता मॉडरेट अथवा बेहतर है तो वहां संबंधित प्राधिकारी द्वारा हरित पटाखों का विक्रय एवं उपयोग अनुमन्य किया जा सकता है। इसी कड़ी में 27 शहरों में वायु गुणवत्ता का अनुश्रवण कराया जा रहा है। 

इस वर्ष जनवरी से सितंबर माह तक प्रदेश के समस्त शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, आगरा, सोनभद्र, गजरौला, गाजियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, खुर्जा, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़ एवं अयोध्या में वायु गुणवत्ता का स्तर मॉडरेट पाया गया। 

इस पर अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अधीन कोविड -19 महामारी की परिस्थिति के मद्देनजर प्रदेश में हरित पटाखों का विक्रय एवं निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत उपयोग की अनुमति दी जाती है। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि एनजीटी ने कहा था कि इन पटाखों का प्रयोग विशेष त्योहारों पर भी दो घंटे से ज्यादा नहीं किया जाना चाहिए जबकि क्रिसमस और न्यू ईयर पर तो केवल 35 मिनट ही इसकी अनुमति होनी चाहिए।