कोरोना वायरस / कोविड-19 को लेकर यूपी सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, 1 मरीज़ मिलने पर 20 घर होंगे सील

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की नई गाइडलाइंस के अनुसार, कोविड-19 का एक मरीज़ मिलने पर संबंधित क्षेत्र के 20 घरों और एक से अधिक मरीज़ मिलने पर 60 घरों को सील कर उसे कंटेनमेंट ज़ोन बनाया जाएगा। नए आदेश के मुताबिक, कंटेनमेंट ज़ोन में 14 दिनों तक आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी और सर्विलांस टीम उस इलाके पर नज़र रखेगी।

Vikrant Shekhawat : Apr 05, 2021, 01:57 PM
लखनऊ: यूपी में बढ़ते कोरोना केस के बीच योगी सरकार ने प्रदेश में कंटेनमेंट जोन का दायरा नए सिरे से तय कर दिया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक एक केस होने पर 25 मीटर और एक से अधिक होने पर 50 मीटर को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। 25 मीटर के दायरे में 20 घर और 50 मीटर के दायरे में 60 घर होंगे। इसमें क्षेत्र के हिसाब से बदलाव हो सकता है। अधिकारियों का कहनाा है कि अभी प्रदेश में लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है। 

मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अंतिम पॉजिटिव केस के सैंपल कलेक्शन की तिथि से 14 दिन तक संबंधित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन बना रहेगा। यदि अंतिम पॉजिटिव केस को सैंपल कलेक्शन की तिथि 14 दिनों तक कोई अन्य केस उस क्षेत्र में नहीं पाया जाता है तो ऐसे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन की सूची से बाहर कर दिया जाएगा। जिला सर्विलांस अधिकारी रोजाना कोविड-19 केस की जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को देगा। कंटेनमेंट जोन के सर्वेक्षण के लिए आवासों की संख्या और टीम का निर्धारण किया जाएगा। कंटनमेंट जोन में स्थित घरों के लिए एक टीम लगाई जाएगी। एक क्षेत्र में एक से अधिक कोविड-19 पॉजिटिव केस होने पर कलस्टर मानते हुए इसके मध्य बिंदु को एपीसेंटर चिह्नित करते हुए 50 मीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिए एक टीम लगाई जाएगी। प्रत्येक टीम अपने क्षेत्र के घरों का भ्रमण कर अपने कार्यों की रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र पर भरेगी। हर टीम में स्वास्थ्य कर्मी, निकाय कर्मी या ग्राम विकास पंचायती राज कर्मी और स्थानीय प्रशासन का एक-एक सदस्य होगा। 

कोविड से बचाव की जानकारी देंगे

प्रत्येक टीम के सदस्य अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर जनसामान्य को कोविड रोग से बचाव और लक्षणों के बारे में जानकारी देंगे। खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी आदि के लक्षण वाले रोगियों को चिह्नित कर ऐसे रोगियों का नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर और लक्षणों का विवरण अपने प्रपत्र पर भरेंगे। प्रत्येक पांच टीम में एक सुपरवाइजर होगा। जो काम समाप्त होने पर सभी सूचनाओं को जिला सर्विलांस अधिकारी को उपलब्ध कराएगा। जिले की सूचना राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाएगी।