Vikrant Shekhawat : Oct 20, 2021, 08:59 AM
लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस की जांच तेजी से चल रही है। अभी तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आशीष के दोस्त सुमित जायसवाल की तहरीर पर भी दर्ज मुकदमे में पूछताछ शुरू हो गई है। पुलिस ने 12 लोगों को नोटिस भेजा था। सोमवार को पांच किसानों ने अपना बयान दर्ज कराया था। इस बीच मंगलवार को पुलिस ने हिंसा से संबंधित छह तस्वीरें जारी की हैं। इसमें लाठी डंडे लेकर पिटाई करते लोगों के बारे में जानकारी मांगी गई है। बताया जा रहा है कि थार जीप से हादसे के बाद की यह तस्वीरें हैं। इन तस्वीरों में कुछ लोग लाठी डंडे से जमीन पर गिरे लोगों को पीट रहे हैं। माना जा रहा है कि हादसे के बाद गाड़ी से भागते बीजेपी समर्थकों को पीटा जा रहा है। मामले की जांच कर रही पुलिस ने तस्वीरों को जारी करने के साथ ही इनकी पहचान बताने वालों को इनाम देने की घोषणा की है। कहा गया है कि पहचान बताने वालों को पुलिस इनाम देगी।इससे पहले सोमवार को खीरी पुलिस और स्वाट टीम ने सोमवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों में भाजपा सभासद सुमित जायसवाल भी है। हिंसा के जो वीडियो वायरल हुए थे, उनमें थार जीप से निकलकर भागते हुए सुमित जायसवाल ही दिखाई दिया था। सुमित शिवपुरी मुहल्ले का सभासद है। इसके अलावा शिशुपाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम और लखनऊ के नंदन सिंह को पकड़ा गया है। पुलिस ने सत्यप्रकाश त्रिपाठी के पास से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर और तीन गोलियां भी बरामद की हैं। मामले में अब तक दस लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्टउच्चतम न्यायालय लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा। इस घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ मामले पर सुनवाई करेगी। इसी पीठ ने आठ लोगों की ''बर्बर'' हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर आठ अक्टूबर को असंतोष व्यक्त किया था। मामले में अभी तक केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीजेआई को एक पत्र लिखकर दो वकीलों ने घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की थी, जिसमें सीबीआई को भी शामिल किया जाए। इसके बाद ही शीर्ष अदालत ने मामले पर सुनवाई शुरू की।