Vikrant Shekhawat : Oct 21, 2020, 12:40 PM
America: अगले हफ्ते अमेरिका और भारत के बीच 2+2 वार्ता में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खड़ीं चुनौतियों और उनसे निपटने के समाधान पर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने दी है। उन्होंने बताया कि भारत से सटी सीमा से लेकर दक्षिण चीन सागर में अमेरिका को तेवर दिखाने वाले चीन को काबू में कैसे करना है, इस पर चर्चा के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भारत आने वाले हैं।अटलांटिक काउंसिल के अध्यक्ष फ्रेडरिक केम्पी से मंगलवार (स्थानीय समय) को बातचीत के दौरान एस्पर ने कहा है कि अगले हफ्ते वह पोम्पिओ के साथ भारत में होंगे। भारत के साथ यह दूसरी 2+2 वार्ता होगी। एस्पर ने इस मुलाकात को और इंडो-पैसिफिक में भारत के साथ पार्टनरशिप को इस सदी में सबसे अहम बताया है। उन्होंने कहा है कि इस क्षेत्र के देश देख रहे हैं कि चीन क्या कर रहा है।एस्पर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जहां बहुत योग्य और गुणी लोग हैं और वे हर दिन हिमालय पर चीन की आक्रामकता का सामना करते हैं, खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर। उन्होंने कहा कि मैंने इस क्षेत्र के कई देशों से बात की है और वहां गया भी हूं। मंगोलिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया थाइलैंड, पलाऊ और पैसिफिक के टापू देशों के सभी लोग देख रहे हैं कि चीन क्या कर रहा है। कुछ जगहों पर तो एकदम साफ है और कई जगहों पर वे छिपकर ऐसा कर रहे हैं।एस्पर ने कहा कि 'वे राजनीतिक और राजनयिक दबाव डाल रहे हैं, और कुछ मामलों में जैसे भारत की तरह कुछ देशों पर सैन्य दबाव भी बना रहा है। अब हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने की आवश्यकता है, जिनसे सबको फायदा होता है। एस्पर ने कहा कि यह मुद्दा चीन के उदय का नहीं है, इस बात का है कि उनका उदय कैसे हो रहा है। एस्पर ने पिछले सप्ताह हुई फाइव आइज फोरम का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हीं मुद्दों पर इन बैठकों में भी चर्चा होती है।उन्होंने कहा कि इस बैठक में 'इंडो-पैसिफिक में चुनौतियों, और हम एक साथ कैसे सहयोग करते हैं? इस पर चर्चा की गई। हम इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी संप्रभुता की रक्षा कैसे करते हैं, अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित आदेशों का पालन, दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता के बारे में चर्चा की गई।उन्होंने कहा कि इससे और ज्यादा नजदीकी सहयोग बनता है और अगले हफ्ते दिल्ली में होने वाली बैठक में भी यह दिखेगा। भारत नौसेना की जानकारी साझा करने के समझौते पर एस्पर ने कहा कि भारत के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है, लेकिन इसके बारे में जानकारी सही समय पर दी जाएगी।