Vikrant Shekhawat : Mar 08, 2022, 07:10 AM
Up election 2022 | समाजवादी पार्टी ने पिछली बार अपने मजबूत आधार वाली कई सीटें भाजपा के हाथों गंवा दी थीं। इस बार इन सीटों पर मोटे तौर पर वोट प्रतिशत बढ़ा है। तो क्या बढ़े हुए वोट प्रतिशत सपा की बढ़त का संकेत है या भाजपा की। या फिर यह किसी अन्य दल को विजेता बना सकता है यह कहना मुश्किल है। पर एक बात तय है कि वोट प्रतिशत बढ़ने से भाजपा व सपा दोनों अपने लिए शुभ संकेत मान रहे हैं।जानकार बताते हैं कि जहां हार जीत का निर्णय पिछली बार काफी कम वोटों से हुआ था, वहां वोट प्रतिशत बढ़ने से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। सपा अपने पुराने जनाधार वाली सीटें पिछली बार बचाने में नाकाम रही। वोट प्रतिशत घटने से भी समीकरण किसके पक्ष में जाएंगे इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। कम अंतर वाली सीटों अगर मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट की चर्चा काफी होती है। यहां पिछले चुनाव में भाजपा के अवतार सिंह भड़ाना ने समाजवादी पार्टी को सिर्फ 193 वोटों के अंतर से हराया था। यहां पिछली बार 69.39 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा घटकर 68.65 प्रतिशत पर पहुंच गया। मतदान में कमी से किसे नुकसान होगा इस पर उस इलाके में चर्चा खूब हो रही है। असल में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 17 ऐसी सीटें थी जहां जीत हार का अंतर दो हजार से भी कम रहा। इनमें सात सीटों पर सपा नंबर दो पर रही थी।सपा के गढ़ वाली सीटों पर मतदान प्रतिशत का तुलनात्मक विवरण सीट विजेता उपविजेता वोट प्रतिशत 2017 वोट प्रतिशत 2022दिबियापुर भाजपा सपा 61. 74 61.78औरया भाजपा सपा 57.78 58.16इटावा भाजपा सपा 57.75 60.10विधूना भाजपा सपा 61.50 62.51भरथना भाजपा सपा 58.97 60.48