Live Hindustan : Jun 06, 2020, 09:30 AM
Pradhanmantri Awas Yojna: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर के लिए लाखों लाभार्थियों का इंतजार थोड़ा लंबा हो सकता है। कोरोना संक्रमण के चलते आवास योजना के तहत कई राज्यों के प्रस्ताव में देरी की आशंका जताई गई है। राज्यों द्वारा अपने हिस्से की राशि न देने और केंद्र द्वारा दी गई राशि निर्माण के लिए संबंधित विभाग को नहीं दिए जाने का मामला भी केंद्र के संज्ञान में आया है। फिलहाल केंद्र सरकार योजनाओं की समीक्षा में जुटी है। योजनाओं को धीरे-धीरे गति देने का प्रयास हो रहा है।सूत्रों ने कहा कि छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों ने राज्य के हिस्से का अंशदान योजना के लिए नहीं किया है। कुछ राज्यों ने राज्य के कोष से केंद्र द्वारा दी गई राशि अभी तक आवास के लिए जारी नहीं की है। इससे राज्यों में योजना पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। राज्यों से अपने हिस्से की राशि देने को कहा गया है।कई योजनाओं पर असर: आवास योजना के अलावा सरकार की शौचालय निर्माण योजना, सड़क निर्माण से जुड़ीं योजनाएं लंबित होने की आशंका जताई जा रही है। पोषण और टीकाकरण जैसे अभियान भी कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित हुए हैं।2022 तक घर देने का लक्ष्य: वर्ष 2022 तक 2 करोड़ 95 लाख आवास बनाने का लक्ष्य है। इनमें से दो करोड़ 21 लाख आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। अभी तक एक करोड़ चार लाख आवास बने हैं। इस साल 79 लाख आवास स्वीकृति का लक्ष्य था। सूत्रों ने कहा कि लक्ष्य को कम नहीं किया जाएगा। पूरी ताकत से लक्ष्य पूरा करने का प्रयास भी होगा लेकिन इसे समय से पूरा करना चुनौतीपूर्ण जरूर है। इसके लिए विशेष प्रयास करने होंगे। केंद्र और राज्य को मिलकर रणनीति बनानी होगी। आवास योजना मोदी सरकार के खास योजनाओं में एक है। पहले कार्यकाल के दौरान इस पर काफी फोकस किया गया था। कई गैर भाजपा शासित राज्यों ने भी बड़ी संख्या में आवास बनाए थे।