देश / राज्यों द्वारा भेजा गया डेटा रिपोर्ट करते हैं: कोविड-19 मौतों को 'छिपाने' के दावों पर केंद्र

कोविड-19 मौतों की वास्तविक संख्या 'छिपाने' के आरोपों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्र का काम सिर्फ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए कोविड-19 डेटा को इकट्ठा कर प्रकाशित करना है और 'कुछ नहीं'। मांडविया ने कहा, "हमने (केंद्र) किसी को (मौतों की) कम संख्या या संक्रमितों की कम संख्या दिखाने को नहीं कहा।"

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा कहा है कि यह संकट राजनीति का कारण नहीं बनना चाहिए. इस संकट में राजनीति नहीं होनी चाहिए. पीएम मोदी ने भी कहा है कि जब भारत के 130 करोड़ लोग एक कदम आगे बढ़ते हैं, तो देश 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है. शिवसेना नेता संजय राउत ने राज्यसभा में केंद्र सरकार पर मौत के आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार से हमारा सवाल है कि आप आंकड़े क्यों छुपा रहे हैं? कितने लोगों की मौत हुई? हमें इसका सही आंकड़ा बताइए, जो रिपोर्ट हैं वो सरकारी आंकड़े से ज्यादा है.”

संजय राउत द्वारा लगाए गए आरोपो पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, “भारत सरकार कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा नहीं छुपाती, बल्कि जो राज्य सरकार आंकड़ा भेजती है उसे कंपाइल करके पब्लिश करती है.” मनसुख मंडाविया ने कहा, “जब हम कोरोना की तीसरी लहर की बात करते हैं, तो 130 करोड़ लोगों, सभी राज्य सरकारों को सामूहिक निर्णय लेना चाहिए कि हम अपने देश में तीसरी लहर नहीं आने देंगे. हमारा संकल्प और पीएम मोदी का मार्गदर्शन हमें तीसरी लहर से बचा सकता है”

‘हमने किसी को नहीं कहा कि मौत के कम आंकड़े दिखाएं’

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों द्वारा भेजे गए डेटा को कंपाइल और पब्लिश करती है. हमारा काम उस डेटा को प्रकाशित करना है और कुछ नहीं. हमने किसी को मौत के कम आंकड़े या कम पॉजिटिव मामले दिखाने के लिए नहीं कहा है. इसका कोई कारण नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकों में भी यही कहा था.

राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “जब एक साथ काम करने की जरूरत है और कार्यान्वयन राज्यों द्वारा किया जाना है, उस समय हमने कभी नहीं कहा कि ये राज्य विफल रहा या उस राज्य ने ऐसा नहीं किया. मैं राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन कई राज्यों के पास वैक्सीन की 10-15 लाख डोज अभी भी मौजूद हैं, मेरे पास इसके आंकड़े भी हैं.”

मनसुख मंडाविया ने कहा, “वे कहते हैं कि हमने ‘थाली-ताली’ क्यों बजवाईं? हमने कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा किया था. हमने अपनी सुरक्षा के लिए सड़कों पर खड़े पुलिसकर्मियों के लिए ऐसा किया था. हमने स्वास्थ्य कर्मचारियों के सम्मान में थालियां और तालियां बजवाई थीं, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान डटकर काम किया.”