Vikrant Shekhawat : Jun 06, 2021, 10:06 AM
नई दिल्ली: ग्लोबल टैक्स सिस्टम से सुधार (Reforms) के लिए दुनिया के सबसे विकसित 7 देशों के ग्रुप जी7 (G7) के बीच ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स (Global corporate tax) को लेकर ऐतिहासिक सहमति बनी है। कई सालों की मशक्कत और बातचीत के बाद G7 देश मिनिमम ग्लोबल कॉर्पोरेशन टैक्स (Minimum Global Corporation Tax) रेट को न्यूनतम 15% पर रखने पर सहमत हो गए हैं।G7 देशों के बीच हुए इस ऐतिहासिक समझौते के मुताबिक, ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स कम से कम 15% होगा। साथ ही टैक्स का भुगतान जिस देश में व्यापार किया जा रहा है, वहां करना होगा। यह समझौता G7 देशों के लिए काफी अहम है, क्योंकि अभी दुनिया की दिग्गज कंपनियां नियमों में ट्रांसपेरेंसी नहीं होने के कारण टैक्सेशन क्लीयर नहीं होने का फायदा उठाती हैं, जिससे सरकारों को टैक्स का भारी नुकसान होता है।ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि G7 देशों की मिनिमम ग्लोबल कॉर्पोरेशन टैक्स पर सहमति बनने से ग्लोबर टैक्स सिस्टम ग्लोबल डिजिटल एज (global digital age) के लिए फिट हो जाएगा। यह समझौता अगले महीने होने वाले ग्लोबल पैक्ट का बेस बन सकता है।अभी दुनिया के तमाम देश बड़ी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को काफी कम रखते हैं। साथ ही बड़ी कंपनियों को टैक्स में कई छूट देते हैं। जिससे इन देशों पर करोडों डॉलर का वित्तीय बोझ बढ़ जाता है। लेकिन अगर यह सहमति ग्लोबल पैक्ट का हिस्सा बनती है तो कंपनियों को कम से कम 15% कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा।लेकिन, इस समझौते का ग्लोबल पैक्ट का आधार बनना मुश्किल है। क्योंकि ऐसे में कंपनियों विकासशील और गरीब देशों की तरफ रुख ही नहीं करेंगी। दरअसल, विकसित देशों को गूगल, एमेजॉन, फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों से बहुत कम टैक्स मिलता है। इसलिए G7 देशों ने यह समझौता किया है। जी7 देशों में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है।