देश / एनईपी की पहली वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने लॉन्च कीं कौन-कौन सी प्रमुख पहल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की पहली वर्षगांठ पर विद्या प्रवेश पहल लॉन्च की जो ग्रेड-1 के छात्रों की स्कूली तैयारी के लिए 3-महीने का प्ले-आधारित मॉड्यूल है। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम-वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम, भारतीय सांकेतिक भाषा को बतौर विषय और उच्च शिक्षा में कई प्रवेश-निकास विकल्पों के लिए अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट लॉन्च किया।

Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2021, 07:28 AM
नई दिल्ली: आज नई शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने का एक साल पूरा होने के अवसर पर पीएम मोदी आज देशभर के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करेंगे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री शिक्षा क्षेत्र में कई पहलों का भी शुभारंभ करेंगे. पीएम मोदी का संबोधन शाम साढ़े चार बजे होगा. 

पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा में छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम का विकल्प प्रदान करने वाले 'एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट' की शुरुआत करेंगे. साथ ही वह क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियंरिंग के पहले साल के कार्यक्रमों और उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देशों को भी जारी करेंगे.

शुरू की जाने वाली पहलों में विद्या प्रवेश भी शामिल है, जो ग्रेड-1 के छात्रों के लिए तीन महीने का प्ले-आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल है. माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा- निष्ठा 2.0, एनसीईआरटी द्वारा डिजाइन किए गए शिक्षक प्रशिक्षण के लिए एक एकीकृत कार्यक्रम, सफल (सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिए संरचित मूल्यांकन), सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समर्पित एक वेबसाइट शुरू की जाएगी.

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी रहेंगे मौजूद

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित रहेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पिछले साल 29 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. इस नीति में शिक्षा की पहुंच, समता, गुणवत्ता, वहनीयता और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है. नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के छह प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ही ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम बदल कर ‘शिक्षा मंत्रालय’ करने को भी मंजूरी दी गई है.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली पढाई से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बदलाव किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों का पूर्ण रूप से विकास और उन्हें विश्व स्तर पर सशक्त बनाना है. नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. पहली बार मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू किया गया है. इससे उन छात्रों को बहुत फायदा होगा जिनकी पढ़ाई बीच में किसी वजह से छूट जाती है.