Vikrant Shekhawat : Oct 01, 2023, 09:30 AM
World Cup 2023: बीसीसीआई की सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने पांच अक्टूबर से शुरू हो रहे वनडे वर्ल्ड कप के लिए आखिरी समय पर टीम इंडिया में एक बदलाव किया. ये बदलाव हालांकि उसे मजबूरी में करना पड़ा. टीम के बाएं हाथ के ऑल राउंडर अक्षर पटेल को शुरुआत में वर्ल्ड कप की टीम में रखा गया था लेकिन एशिया कप-2023 के दौरान उन्हें चोट लग गई थी जिससे वह उबर नहीं पाए. इसी कारण 28 सितंबर को अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने अक्षर की जगह ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मौका दिया है. अब सवाल ये है कि क्या अश्विन के आने से टीम की प्लेइंग-11 पर असर पड़ेगा?जब वर्ल्ड कप के लिए टीम का ऐलान हुआ था तब टीम में कोई भी ऑफ स्पिनर नहीं था और इसी कारण कई सवाल भी उठे थे. अब टीम के पास अश्विन जैसा स्पिनर है जिसके पास शानदार खेल भी है और अच्छा-खासा अनुभव भी. ऐसे में अश्विन को बाहर रखना रोहित शर्मा के लिए आसान नहीं होगा. अश्विन पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया का हिस्सा थे.प्लेइंग-11 का बनेंगे हिस्सा?अगर वर्ल्ड कप में भारत की प्लेइंग-11 की बात की जाए तो इसमें अभी तक दो स्पिनरों का खेलना तय लग रहा था. जिसमें एक नाम तो रवींद्र जडेजा का पक्का था. उनके अलावा इस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव भी हैं. जब तक अक्षर थे तब तक ये माना जा रहा था कि अक्षर से पहले इन दोनों को प्राथमिकता मिलेगी लेकिन अश्विन के आने से टीम को एक और विकल्प मिला है. अब टीम के पास एक ऑफ स्पिनर है. ऐसे में टीम अश्विन को उन टीमों के खिलाफ खिला सकती है जिस टीम के पास लेफ्ट हैंड के बल्लेबाज ज्यादा है. पहले टीम के पास ये ऑप्शन नहीं था. लेकिन इसके लिए टीम को या तो कुलदीप या जडेजा को बाहर करना होगा. संभावना है कि कुलदीप ही बाहर जाएं.ये भी विकल्पटीम इंडिया के पास एक और विकल्प है. रोहित अब जरूरत पड़ने पर तीनों स्पिनरों को एक साथ खिला सकती है. अक्षर के रहने से इसकी संभावना नहीं थी क्योंकि जडेजा और अक्षर एक ही तरह के गेंदबाज हैं लेकिन अश्विन के आने से टीम के पास तीन अलग-अलग तरह के स्पिनर हो गए हैं. ऐसे में जहां पिच स्पिन की मदद ज्यादा करती है तो टीम एक तेज गेंदबाद को बाहर बैठा तीन स्पिनरों को खिला सकती है. रोहित ये काम चेन्नई में कर सकते हैं जहां कि पिच स्पिनरों की मददगार है और अश्विन भी वहीं से आते हैं तो उन्हें वहां कि पिच का अनुभव है.खुल गए विकल्पअश्विन के आने से एक बात पक्की है कि टीम के पास एक ऑप्शन हो गया है जिसे वो अपने तरीक से यूज कर सकती है. ऐसे में ये तय है कि टीम की सोच भी बदलेगी जिसका असर प्लेइंग-11 में दिखेगा. पहले टीम के पास गेंदबाजी को लेकर सीमित विकल्प थे लेकिन अश्विन ने इस समस्या को खत्म कर दिया है, हालांकि हर मैच में अश्विन प्लेइंग-11 का हिस्सा हो ऐसा नहीं है.