IND vs AUS / सिडनी में क्यों खेला जाएगा पिंक टेस्ट? इस दिग्गज खिलाड़ी से जुड़ा है कनेक्शन

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 जनवरी से शुरू होने वाला टेस्ट "पिंक टेस्ट" के रूप में खेला जाएगा। यह टेस्ट ग्लेन मैक्ग्रा की दिवंगत पत्नी जेन मैक्ग्रा की याद में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता और फंडिंग के लिए आयोजित होता है। टिकट की कमाई मैक्ग्रा फाउंडेशन को जाएगी।

Vikrant Shekhawat : Jan 01, 2025, 10:44 PM
IND vs AUS: जब भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में पांचवें टेस्ट के लिए आमने-सामने होंगी, तो हर तरफ गुलाबी रंग की छटा बिखरी नजर आएगी। इस ऐतिहासिक पिंक टेस्ट के दौरान सिडनी का स्टेडियम गुलाबी रंग से जगमगाएगा। भारतीय टीम अपने पारंपरिक अंदाज में नजर आएगी, लेकिन कंगारू खिलाड़ियों की जर्सी पर नाम और नंबर गुलाबी रंग में लिखे रहेंगे। आखिर यह सब क्यों होता है? इसकी खास वजह जानने के लिए आइए इस अनोखे टेस्ट मैच की कहानी को करीब से समझते हैं।

पिंक टेस्ट की शुरुआत और इसका महत्व

पिंक टेस्ट केवल एक नाम है, इसे डे-नाइट मैच समझने की भूल न करें। यह एक सामान्य टेस्ट मैच है, जो रेड बॉल से खेला जाता है। लेकिन इस मैच में गुलाबी रंग का खास महत्व है। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा की पत्नी जेन मैक्ग्रा, ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं और 2008 में उनका निधन हो गया था। उनकी याद में और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए, 2009 से हर साल ऑस्ट्रेलिया का पहला टेस्ट पिंक टेस्ट के रूप में खेला जाता है।

गुलाबी रंग और चैरिटी का संदेश

पिंक टेस्ट का आयोजन न केवल जागरूकता फैलाने के लिए होता है, बल्कि इससे एक बड़ा सामाजिक उद्देश्य भी जुड़ा हुआ है। इस मैच से होने वाली टिकटों की बिक्री से कमाई को मैक्ग्रा फाउंडेशन को दान दिया जाता है। यह फाउंडेशन ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों की मदद करता है और उनके इलाज के लिए धन जुटाता है।

गुलाबी रंग, जो ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता का प्रतीक है, पूरे स्टेडियम और खिलाड़ियों की जर्सी में नजर आता है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की जर्सी पर नाम और नंबर गुलाबी रंग में लिखे जाते हैं। यहां तक कि दर्शकों को भी गुलाबी कपड़े पहनने के लिए प्रेरित किया जाता है।

पिंक टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड

पिंक टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। 2009 से अब तक ऑस्ट्रेलिया ने 16 पिंक टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 9 मैचों में जीत दर्ज की है। केवल एक मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा, जबकि 6 मुकाबले ड्रॉ रहे। इस बार सिडनी में भारत के खिलाफ होने वाला मैच ऑस्ट्रेलिया का 17वां पिंक टेस्ट होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ऑस्ट्रेलिया इस मैच में अपनी जीत का रिकॉर्ड सुधार पाती है या भारत उसे दूसरी हार का स्वाद चखाता है।

पिंक टेस्ट: खेल से परे एक संवेदनशील पहल

पिंक टेस्ट सिर्फ क्रिकेट का एक मुकाबला नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है, जो ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए धन जुटाने का काम करता है। यह टेस्ट मैच खेल और समाज की एकता का अनोखा उदाहरण है, जहां मैदान पर प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ एक मानवीय उद्देश्य भी जुड़ा होता है।

इस बार भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें जब सिडनी में आमने-सामने होंगी, तो क्रिकेट प्रशंसक एक शानदार मुकाबले के साथ-साथ एक नेक पहल का हिस्सा बनेंगे। इस पिंक टेस्ट से न केवल खेल प्रेमियों को रोमांच मिलेगा, बल्कि एक बड़ा सामाजिक संदेश भी दुनिया तक पहुंचेगा।