Dainik Bhaskar : Jul 07, 2019, 12:38 PM
आरबीआई की मदद से एटीएम की तर्ज पर बैंकिंग की नई व्यवस्था तैयार हो रहीसोने के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने के पीछे इसके आयात को हतोत्साहित करने का उद्देश्य: वित्त मंत्रीनई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आने वाले समय में एक बैंक में खाता खुलवाकर देश के किसी भी बैंक में बैंकिंग सेवा हासिल करने की सुविधा मिलेगी। विदेशी मुद्रा में लोन लेने की प्रक्रिया को भी आसान किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने शनिवार काे भास्कर से चर्चा में कहा कि अब टेक्नोलॉजी की मदद से हर बैंक एक-दूसरे से जुड़ गए हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक की मदद से एटीएम की तर्ज पर बैंकिंग नई सुविधा की व्यवस्था की जा रही है। यह इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के जरिए जल्द ही संभव हो जाएगा।उन्होंने बताया कि सोने के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने के पीछे सरकार का उद्देश्य सोने के आयात को हतोत्साहित करना है, क्याेंकि पेट्रोलियम के बाद सोने के आयात में सबसे अधिक हमारा विदेशी मुद्रा बाहर जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ने के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह भी देखना चाहिए कि हमने पिछले पांच साल में महंगाई को बढ़ने नहीं दिया।सूटकेस-ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं, मामी ने बस्ता बनाकर दिया था
अपना पहला बजट पेश करते हुए सीतारमण ने बजट दस्तावेज सूटकेस या ब्रीफकेस में लाने के बजाय लाल कपड़े से बने बस्ते में लेकर संसद पहुंची थीं। इस बारे में उन्हाेंने कहा, ‘सूटकेस, ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता। यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बस्ता बनाकर दिया था। उन्होंने पूजा-अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया। यह घर का थैला नहीं लगे, इसलिए सरकारी पहचान देने के लिए उस पर अशोक स्तंभ का चिह्न लगाया गया।’ बस्ते को बहीखाता नाम किसने दिया, इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह नाम जनता में से ही कहीं से आया।
अपना पहला बजट पेश करते हुए सीतारमण ने बजट दस्तावेज सूटकेस या ब्रीफकेस में लाने के बजाय लाल कपड़े से बने बस्ते में लेकर संसद पहुंची थीं। इस बारे में उन्हाेंने कहा, ‘सूटकेस, ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता। यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बस्ता बनाकर दिया था। उन्होंने पूजा-अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया। यह घर का थैला नहीं लगे, इसलिए सरकारी पहचान देने के लिए उस पर अशोक स्तंभ का चिह्न लगाया गया।’ बस्ते को बहीखाता नाम किसने दिया, इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह नाम जनता में से ही कहीं से आया।