Vikrant Shekhawat : Jul 09, 2021, 03:43 PM
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने वॉट्सऐप WhatsApp से सवाल किया कि आप पर आरोप है कि आपकी प्राइवेसी पॉलिसी यूरोप के लिए अलग और भारत के लिए अलग है। आप से यही सवाल पूछा जा रहा है । क्या आपने कहीं पर भी इस सवाल का जवाब दिया है? इस याचिका में भी कहीं पर भी यह बात कही है? कोर्ट ने कहा कि यही एक बॉटलनेक है। क्या आपने कहीं पर भी कहा है कि दोनों में अंतर नहीं है?सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने WhatsApp की ओर से कहा, इसका एक जेनेरिक जवाब है। पहले संसद को पर्सनल प्रोटेक्शन बिल जारी करने दिया जाए। अगर वह मुझे मेरी नीति के साथ इजाजत देगा तो मैं भारत में काम करूंगा, वरना अपनी दुकान बंद कर लूंगा। लेकिन जब तक संसद कानून नहीं बनाती तो क्यों इसके लिए दबाव दिया जा रहा है।शुक्रवार वॉट्सऐप की ओर से कहा गया कि आज की स्थिति यह है कि हमने यूजर्स पर छोड़ रखा है कि आप हमारी पॉलिसी मंजूर करें या न करें। हर स्थिति में उन्हें वॉट्सऐप ऐप यूज करने से किसी भी स्थिति में नहीं रोका जा रहा है और वे कर रहे हैं।देश और दुनिया में वॉट्सऐप (WhatsApp) सबसे ज्यादा लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है और सिर्फ भारत में भी इसके करोड़ो यूजर्स हैं। वॉट्सऐप ने सरकार के खिलाफ नए नियमों के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में वॉट्सऐप ने सरकार से मांग की है कि नए रेग्युलेशंस लागू न किए जाएं। इस प्रकार फेसबुक यूनिट को प्राइवेसी पॉलिसी तोड़ने पर मजबूर किया जाएगा।