कोरोना वायरस / भारत के साथ टीका प्रमाणपत्रों पर काम कर रहे हैं: भारत के जवाबी क्वारंटीन कदम के बाद यूके

यूके ने कहा है कि वह भारत में जन स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा टीकाकृत लोगों के कोविड-19 टीका प्रमाणपत्र को मान्यता देने के लिए तकनीकी सहयोग पर भारत के साथ काम कर रहा है। दरअसल, भारत ने जवाबी कदम में यूके के यात्रियों के भारत आने पर 10-दिवसीय क्वारंटीन अनिवार्य किया है भले ही उनकी टीकाकरण की स्थिति कुछ भी हो।

Vikrant Shekhawat : Oct 02, 2021, 01:25 PM
Britain: ब्रिटेन (Britain) के कोरोना की ट्रैवल एडवाइजरी को देखते हुए भारत ने भी यूके के नागरिकों के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं. भारत के मजबूत जवाब के बाद ब्रिटेन ने ट्रैवल एडवाइजरी को लेकर नया बयान जारी किया है. ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि वैक्सीन सर्टिफिकेशन के नियमों को विस्तार देने केलिए भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. भारत के नए नियमों के मुताबिक अब ब्रिटेन से आने वाले नागरिकों को भारत पहुंचने के बाद 10 दिनों का आइसोलेशन पूरा करना होगा. ब्रिटिश हाईकमीशन के प्रवक्ता ने कहा है कि ब्रिटेन दुनियाभर के देशों और अन्य क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से अपनी नीति का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है. हम वैक्सीन सर्टिफिकेशन पर नीति के विस्तार के लिए भारत सरकार के साथ तकनीकी सहयोग के लिए काम कर रहे हैं.

प्रवक्ता के मुताबिक UK यात्रा के लिए खुला है और वे भारत से यूके जाने वाले बहुत से लोगों को देख रहे हैं, चाहे वह पर्यटक हों, व्यवसायी हों या छात्र हों. जून 2021 को खत्म होने वाले साल में 62,500 से ज्यादा को स्टूडेंज वीजा जारी किए गए हैं, ये पिछले साल की तुलना में लगभग 30 फीसदी ज्यादा हैं. हम यात्रा की इस प्रक्रिया यथासंभव आसान बनाना चाहते हैं. वहीं भारत का यह फैसला ब्रिटेन द्वारा नए यात्रा नियमों की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है.

क्यों भारत ने लिया फैसला

टीकाकरण कराए होने के बावजूद सोमवार से भारत आने वाले ब्रिटिश नागरिकों को 10 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा. अंतरराष्ट्रीय यात्रा को लेकर भारतीयों के लिए ब्रिटेन के इसी तरह के कदम के जवाब में भारत ने यह कदम उठाया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने देश आने वाले आने ब्रिटिश नागरिकों के खिलाफ जवाबी कदम उठाया है, क्योंकि ब्रिटेन द्वारा भारतीय टीका प्रमाणपत्रों को मान्यता नहीं देने से संबंधित मुद्दे को तकनीकी स्तर की वार्ता की बावजूद हल नहीं किया जा सका है.

पहले ही आगाह कर चुका था भारत

नए ब्रिटिश यात्रा नियमों पर कड़ी प्रतिक्रिया में भारत ने 19 सितंबर को जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी थी, जब तक कि ब्रिटेन भारतीयों के खिलाफ ‘‘भेदभावपूर्ण’’ इन मानदंडों पर उसकी चिंताओं को दूर नहीं करता. भारत के नए नियमों के मुताबिक ब्रिटेन के नागरिकों को यात्रा से 72 घंटे पहले तक की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखानी होगी, चाहे उन्होंने टीकाकरण करावाया हो या नहीं. आगमन के बाद भी ब्रिटिश नागरिकों को दो बार कोविड-19 संबंधी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी. आगमन पर जांच कराने के अलावा आठवें दिन फिर से आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी.

सूत्रों ने बताया कि भारत आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों को आगमन के बाद घर पर या गंतव्य स्थल पर 10 दिन तक जरूरी आइसोलेशन में रहना होगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय नए उपायों को लागू करने के लिए कदम उठाएंगे.

ये है पूरी प्रक्रिया

भारत के लिए वर्तमान यात्रा नियमों के अनुसार ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के मामले में यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति देने से पहले विमान कंपनियों को आरटी-पीसीआर जांच की ‘नेगेटिव रिपोर्ट’ सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. भारतीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें जांच के लिए नमूने देने की जरूरत होती है. संक्रमित पाए जाने पर उन्हें आइसोलेशन में भेजा जाता है और इलाज किया जाता है. संक्रमित नहीं होने पर सात दिनों के लिए घर पर आइसोलेशन में रहना होता है और फिर से जांच कराने की जरूरत होती है.

अभी ब्रिटेन के ये हैं नियम

ब्रिटेन का का नया नियम भी सोमवार से प्रभावी होने जा रहा है. इसके तहत पूरी तरह वैक्सीनेट भारतीयों को 10 दिन आइसोलेशन में रहना होगा, क्योंकि भारत के कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेशन के संबंध में बिटेन को कुछ आपत्ति है. ब्रिटेन ने शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता देने से इनकार कर दिया था. हालांकि भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटेन ने 22 सितंबर को अपने नए दिशा-निर्देश में बदलाव किया और इस वैक्सीन को शामिल कर लिया. कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुके भारतीयों को आइसोलेशन के नियमों से कोई राहत नहीं दी गई. वहीं बाद में ब्रिटेन के अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन को भारत की वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया से कुछ आपत्ति है न कि कोविशील्ड टीके से. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन के मुद्दे को हल करने के लिए दोनों पक्षों ने कई दौर की तकनीकी स्तर की वार्ता की, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है.