बेंगलुरु / कुमारस्वामी की योजनाओं के बजट में कटौती करेगी येदियुरप्पा सरकार

मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल कर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अब पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं पर कैंची चलाने की तैयारी में है. पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बजट में घोषित जनकल्याण की योजनाओं के लिए बजट आवंटित करना मुश्किल है. विभाग ने कहा है कि कुछ परियोजनाएं जो चल रही हैं या अभी शुरू होने के इंतजार में हैं, इनके बजट में कटौती कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लिए धन दिया जा सकता है.

AajTak : Aug 16, 2019, 05:12 PM
जब भी निजाम बदलता है, उसके मोहरों और योजनाओं पर नए निजाम की चाबुक चलती है. यह दस्तूर सा रहा है. कुछ दिनों पहले तक सियासी ड्रामे के कारण चर्चा में रहे कर्नाटक में जनता दल सेक्यूलर के एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल कर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अब पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं पर कैंची चलाने की तैयारी में है.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की सरकार अब पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं के लिए बजट में कटौती करने की तैयारी में है. चर्चा यह भी है कि कुमारस्वामी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सिद्धरमैया की ड्रीम योजना रही अन्न भाग्य, जिसके तहत मुफ्त चावल प्रदान किया जाता है, को बंद किया जा सकता है.   

वित्त विभाग ने तैयार किया नोट

प्रदेश के वित्त विभाग ने एक नोट तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बजट में घोषित जनकल्याण की योजनाओं के लिए बजट आवंटित करना मुश्किल है. विभाग ने कहा है कि कुछ परियोजनाएं जो चल रही हैं या अभी शुरू होने के इंतजार में हैं, इनके बजट में कटौती कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लिए धन दिया जा सकता है.

अन्न भाग्य योजना पर 37 सौ करोड़ खर्च

विभाग के अनुसार अन्न भाग्य योजना पर 37 सौ करोड़ रुपये का खर्च आता है. इस योजना के तहत प्रत्येक को 7 किलो चावल मुफ्त दिया जाता है. इनमें से 5 किलोग्राम चावल केंद्र और 2 किलोग्राम चावल राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है.

कटौती से बच सकते हैं 5 सौ करोड़

वित्त विभाग की मानें तो योजनाओं के बजट में कटौती से 5 सौ करोड़ रुपये प्रति वर्ष बचाए जा सकते हैं. वित्त विभाग के नोट्स पर सरकार कितना गौर करेगी, यह तो समय बताएगा लेकिन इससे हाल ही में राजनीतिक उथल-पुथल से गुजरे कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर गर्माहट आने के आसार हैं.