Yuzvendra Chahal: भारत के स्टार लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने क्रिकेट के मैदान पर अपनी फिरकी से दुनियाभर के बल्लेबाजों को नचाया, लेकिन पिछले कुछ समय से वह भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहे हैं। चाहे उनका प्रदर्शन शानदार रहा हो, लेकिन 2023 के बाद से उन्हें न टी-20 और वनडे टीम में जगह मिली, न ही किसी बड़े टूर्नामेंट में। यह सवाल क्रिकेट प्रशंसकों के मन में बार-बार उठता है कि आखिर चहल को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है।
आकाश चोपड़ा की तीखी प्रतिक्रिया
युजवेंद्र चहल को लगातार टीम से बाहर रखे जाने पर पूर्व क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने बीसीसीआई और चयनकर्ताओं पर निशाना साधा है। आकाश का कहना है कि चहल का करियर खत्म करने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा, "चहल की फाइल बंद कर दी गई है। दो साल से उन्हें वनडे टीम में नहीं चुना गया। मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों हो रहा है। चहल के आंकड़े खुद बोलते हैं कि वह टीम में जगह पाने के काबिल हैं।"
टी-20 में भारत के सबसे सफल गेंदबाज
युजवेंद्र चहल का टी-20 इंटरनेशनल रिकॉर्ड किसी भी गेंदबाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकता है। 80 मैचों की 79 पारियों में उन्होंने 96 विकेट हासिल किए हैं। यह भारत के किसी भी गेंदबाज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चहल ने अपने करियर के दौरान कई बार अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत को मुश्किल मुकाबले जिताए।
वनडे में भी छाए रहे चहल
वनडे क्रिकेट में भी चहल का प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा है। उन्होंने 72 मैचों की 69 पारियों में 5.26 की इकॉनॉमी से गेंदबाजी करते हुए 121 विकेट लिए हैं। 6/42 का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लंबे समय तक याद रखा जाएगा। 50 ओवर के फॉर्मेट में उन्होंने कई बार भारत को जीत की राह पर लाया है।
क्या चहल का करियर खत्म हो चुका है?
आकाश चोपड़ा के बयान से यह साफ है कि चहल के भविष्य को लेकर गहरी चिंता है। दो साल से टीम से बाहर रहने के बावजूद चहल का नाम भारत के शीर्ष गेंदबाजों में लिया जाता है। सवाल यह है कि क्या बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट उनके अनुभव और कौशल को नजरअंदाज कर किसी और दिशा में देख रही है?
आगे का रास्ता
युजवेंद्र चहल का करियर भले ही अभी ठहराव पर हो, लेकिन वह उन खिलाड़ियों में से हैं जो मैदान पर वापसी के लिए जाने जाते हैं। उनकी मेहनत, जज्बा और खेल के प्रति समर्पण उन्हें वापसी का एक और मौका जरूर दिलाएगा। चहल के प्रशंसक अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि वह भारतीय टीम के लिए एक बार फिर से अपनी जादुई गेंदबाजी का प्रदर्शन करेंगे।
निष्कर्ष
युजवेंद्र चहल जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज को टीम से बाहर रखना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा सवाल है। उनकी वापसी के लिए बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को उनके रिकॉर्ड और प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा। चहल के अनुभव का लाभ भारत को आने वाले बड़े टूर्नामेंटों में मिल सकता है।