Vikrant Shekhawat : Jun 29, 2021, 09:36 AM
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना टीकाकरण (Vaccination) में गफलतबाजी की कई शिकायतें सामने आ रही हैं। आलम ये है कि 13 साल के एक लड़के को वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। जबकि भारत सरकार ने 18 साल से कम आयुवर्ग के लोगों को कोरोना टीका लगवाने की अनुमति अभी दी ही नहीं है। इसके अलावा भी टीकाकरण में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं। दावा किया जा रहा है कि बगैर टीका लगवाए ही लोगों को टीकाकरण का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा रहा है। इसके अलावा टीकाकरण के आंकड़ों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
भोपाल के टीला जमालपुरा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले रजत डांगरे ने मीडिया को बताया कि वे सरकार की ओर से आए एक मैसेज को देखकर हैरान रह गए। बीते 21 जून की शाम को उन्हें एक मैसेज आया। सरकार की ओर से आए इस मैसेज में कहा गया था कि उनके 13 वर्षीय दिव्यांग बेटे वेदांत को कोरोना टीका लगा दिया गया है। मैसेज में वेदांत की उम्र - 56 साल बताई गई।गलत दस्तावेजों का इस्तेमालरजत ने बताया कि 21 जून (जून) को शाम 7।27 बजे, मुझे एक संदेश मिला कि वेदांत को टीका लगाया गया है। जबकि वह सिर्फ 13 साल का है। मैंने शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जब मैंने लिंक का उपयोग करके प्रमाण पत्र डाउनलोड किया, तो यह जानकर हैरान रह गया कि वेदांत के उन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है, जो कुछ दिन पहले नगर निगम को उसकी पेंशन (विशेष जरूरत वाले व्यक्ति के रूप में) के लिए जमा किए गए थे।दावे पर सवालमध्य प्रदेश ने 21 जून को 17।42 लाख COVID-19 टीके लगाकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने का दावा किया, लेकिन अब इसपर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि जिस दिन वेदांत डांगरे को संदेश मिला, उसी दिन सतना के चैनेंद्र पांडे को पांच मिनट के भीतर तीन संदेश मिले, जिसमें कहा गया था कि तीन लोगों को कटिकराम, कालिंद्री और चंदन - को टीका लगाया गया है। जबकि चैनेन्द्र तीनों में से किसी को भी नहीं जानते।चैनेन्द्र ने कहा- "पांच मिनट के भीतर तीन संदेश मिले, बस नाम अलग है। मुझे आज तक कोई कोराेनाटीका नहीं लगवाया। इसी तरह भोपाल के पीजीबीटी कॉलेज रोड की रहने वाली 46 वर्षीय नुजहत सलीम को भी 21 जून को टीका लगवाने का संदेश मिला था। वह पेंशनभोगी नहीं हैं, लेकिन उनकी पहचान के सबूत के तौर पर पेंशन के दस्तावेज दर्ज हैं।
मंत्री बोले- ऐसी कोई समस्या नहींएमपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मामले में मीडिया से चर्चा में कहा- "ऐसी कोई समस्या नहीं है। मैं पहली बार इस तरह की समस्या सुन रहा हूं। अगर कुछ भी सामने आता है तो हम इसकी जांच कराएंगे।" हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा- "हर दिन नए आंकड़े सामने आ रहे हैं। 13 साल के बच्चे और एक मृत व्यक्ति को टीका लगाने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा हा है। यह वैक्सीन रिकॉर्ड एक पीआर नौटंकी के अलावा और कुछ नहीं है।"
भोपाल के टीला जमालपुरा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले रजत डांगरे ने मीडिया को बताया कि वे सरकार की ओर से आए एक मैसेज को देखकर हैरान रह गए। बीते 21 जून की शाम को उन्हें एक मैसेज आया। सरकार की ओर से आए इस मैसेज में कहा गया था कि उनके 13 वर्षीय दिव्यांग बेटे वेदांत को कोरोना टीका लगा दिया गया है। मैसेज में वेदांत की उम्र - 56 साल बताई गई।गलत दस्तावेजों का इस्तेमालरजत ने बताया कि 21 जून (जून) को शाम 7।27 बजे, मुझे एक संदेश मिला कि वेदांत को टीका लगाया गया है। जबकि वह सिर्फ 13 साल का है। मैंने शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जब मैंने लिंक का उपयोग करके प्रमाण पत्र डाउनलोड किया, तो यह जानकर हैरान रह गया कि वेदांत के उन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है, जो कुछ दिन पहले नगर निगम को उसकी पेंशन (विशेष जरूरत वाले व्यक्ति के रूप में) के लिए जमा किए गए थे।दावे पर सवालमध्य प्रदेश ने 21 जून को 17।42 लाख COVID-19 टीके लगाकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने का दावा किया, लेकिन अब इसपर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि जिस दिन वेदांत डांगरे को संदेश मिला, उसी दिन सतना के चैनेंद्र पांडे को पांच मिनट के भीतर तीन संदेश मिले, जिसमें कहा गया था कि तीन लोगों को कटिकराम, कालिंद्री और चंदन - को टीका लगाया गया है। जबकि चैनेन्द्र तीनों में से किसी को भी नहीं जानते।चैनेन्द्र ने कहा- "पांच मिनट के भीतर तीन संदेश मिले, बस नाम अलग है। मुझे आज तक कोई कोराेनाटीका नहीं लगवाया। इसी तरह भोपाल के पीजीबीटी कॉलेज रोड की रहने वाली 46 वर्षीय नुजहत सलीम को भी 21 जून को टीका लगवाने का संदेश मिला था। वह पेंशनभोगी नहीं हैं, लेकिन उनकी पहचान के सबूत के तौर पर पेंशन के दस्तावेज दर्ज हैं।
मंत्री बोले- ऐसी कोई समस्या नहींएमपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मामले में मीडिया से चर्चा में कहा- "ऐसी कोई समस्या नहीं है। मैं पहली बार इस तरह की समस्या सुन रहा हूं। अगर कुछ भी सामने आता है तो हम इसकी जांच कराएंगे।" हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा- "हर दिन नए आंकड़े सामने आ रहे हैं। 13 साल के बच्चे और एक मृत व्यक्ति को टीका लगाने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा हा है। यह वैक्सीन रिकॉर्ड एक पीआर नौटंकी के अलावा और कुछ नहीं है।"