नोबेल पुरस्कार / पत्रकार मारिया रेसा और डिमित्री मुरातोव ने जीता 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार

फिलीपीनी पत्रकार मारिया रेसा और रूसी पत्रकार डिमित्री मुरातोव ने अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा को लेकर अपने प्रयासों के लिए 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता है। नोबेल समिति के मुताबिक, इस साल के पुरस्कार का उद्देश्य मौलिक अधिकारों की रक्षा और बचाव के महत्व को रेखांकित करना है और अभिव्यक्ति की आज़ादी लोकतंत्र के लिए एक पूर्व-शर्त है।

Vikrant Shekhawat : Oct 08, 2021, 04:18 PM
Nobel Peace Prize 2021: साल 2021 का नोबेल शांति पुरस्‍कार मारिया रेस्‍सा और दिमित्री मुराटोव को देने का ऐलान किया गया है. नॉर्वे स्थित नोबेल कमेटी की तरफ से शुक्रवार को इसका ऐलान किया गया है. कमेटी ने बताया है कि दोनों को अभिव्‍यक्ति की आजादी (Freedom of Expression) की सुरक्षा करने के लिए इस वर्ष के शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित करने का फैसला किया गया है.

नोबेल कमेटी की मानें तो अभिव्‍यक्ति की आजादी लोकतंत्र और दुनिया में शांति के लिए बहुत जरूरी है. पिछले वर्ष नोबेल शांति पुरस्‍कार वर्ल्‍ड फूड प्रोग्राम को दिया गया था जिसे साल 1961 में तत्‍कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति ड्वाइट आइश्‍नोवर की तरफ से शुरू किया गया था. इस प्रोग्राम का मकसद दुनिया में हर किसी को खाना मुहैया कराना था.

कौन हैं मारिया रेस्‍सा और दिमित्री मुराटोव

नॉर्वे स्थित नोबेल कमेटी की तरफ से कहा गया है कि रेस्‍सा ने अपने देश फिलीपींस में सत्‍ता के दुरुपयोग, हिंसा के प्रयोग और तानाशाही को सामने लाने के लिए अभिव्‍यक्ति की आजादी का सही प्रयोग किया था. साल 2012 में मारिया ने रैप्‍लर की स्‍थापना की थी. वो इस डिजिटल मीडिया कंपनी की को-फाउंडर हैं और ये कंपनी इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्‍म को आगे बढ़ाती है.

दूसरी ओर दिमित्री आंद्रेविच मुराटोव भी एक जर्नलिस्‍ट हैं. उन्‍होंने रूस में नोवाजा गाजेटा नाम से एक अखबार की सह-स्‍थापना की है. कमेटी का कहना है कि यह आज की तारीख में रूस का सबसे स्‍वतंत्र अखबार है. नोबेल कमेटी के मुताबिक मुराटोव कई दशकों से रूस में बोलने की आजादी की रक्षा करते आ रहे हैं.

वो जो कर रहे हैं वो और भी विशेष उस समय हो जाता है जब उनके ही देश में उनके सामने कई चुनौतीपूर्ण स्थितियां मौजूद हैं. कमेटी ने इस बात पर जोर दिया कि एक मुक्‍त, आजाद और तथ्‍यों पर आधारित जर्नलिज्‍म सत्‍ता के दुरुपयोग, झूठ और वॉर प्रपोगेंडा को सामने लाने के लिए बहुत जरूरी है. इस साल के उम्मीदवारों में जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, मीडिया राइट ग्रुप रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) शामिल थे.

10 दिसबंर को मिलेगा नोबेल

इस साल यह पुरस्कार किसे मिलेगा, इसे लेकर कई तरह के अनुमान लगाए गए थे. नोबेल कमेटी की तरफ से इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया था कि किस व्यक्ति या समूह को इस सम्मान से नवाजा जाएगा. पिछले एक दशक में इस पुरस्कार से कई राजनयिक, डॉक्‍टर और राष्ट्रपति सम्मानित हो चुके हैं.

नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के उम्मीदवारों में बेलारूस की निर्वासित विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखनोस्काया और रूसी विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी भी शामिल हैं. तिखनोस्काया ने 2020 में बेलारूस में शांतिपूर्ण विरोध का नेतृत्व किया, वह सट्टेबाजों की पसंदीदा हैं. जेल में बंद रूसी विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी भी विजेता हो सकते हैं. शांति के साथ ही बाकी नोबेल पुरस्कार हर साल 10 दिसंबर को प्रदान किए जाते हैं.