India-Bangladesh Relation / भारत को बांग्लादेश ने लिखा पत्र- शेख हसीना को वापस भेजने की मांग

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की है। हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप हैं। अगस्त में तख्तापलट के बाद वह भारत में निर्वासन में रह रही हैं। दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि लागू है।

Vikrant Shekhawat : Dec 23, 2024, 05:29 PM
India-Bangladesh Relation: बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा मोड़ आया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। यह मांग ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत में निर्वासन का जीवन बिता रही हैं।

शेख हसीना के खिलाफ मामले और बांग्लादेश का रुख

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। सरकार का कहना है कि इन मामलों की न्यायिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनका प्रत्यर्पण आवश्यक है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने मीडिया को बताया, "हमने भारत सरकार को एक राजनयिक संदेश भेजा है। इस संदेश में कहा गया है कि बांग्लादेश में न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए शेख हसीना को वापस भेजा जाए।"

प्रत्यर्पण संधि का उल्लेख

बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए आधिकारिक प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच पहले से ही प्रत्यर्पण संधि मौजूद है। आलम के अनुसार, इस संधि के तहत भारत, शेख हसीना को बांग्लादेश लौटने के लिए बाध्य कर सकता है।

भारत में निर्वासन में हैं शेख हसीना

5 अगस्त को बांग्लादेश में हिंसा और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। वे भारत में रह रही हैं और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया है या नहीं।

क्या कहता है यह घटनाक्रम?

बांग्लादेश में इस राजनीतिक अस्थिरता ने क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित किया है। भारत के लिए यह मामला कूटनीतिक रूप से संवेदनशील है, क्योंकि शेख हसीना ने पिछले वर्षों में भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे थे।

बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और अंतरिम सरकार की मांग से भारत के लिए नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर क्या रुख अपनाती है।

निष्कर्ष:
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार और शेख हसीना के निर्वासन ने देश में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि और राजनयिक बातचीत इस मुद्दे को और जटिल बना सकते हैं। आने वाले दिनों में यह मामला क्षेत्रीय राजनीति और दोनों देशों के संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।