Muhammad Yunus / बांग्लादेश का बड़ा दावा, कहा 'भारत भागे शेख हसीना की पार्टी के लाखों मेंबर'

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार महफूज आलम ने दावा किया कि शेख हसीना की अवामी लीग के एक लाख से अधिक सदस्य भारत भाग गए हैं। उन्होंने हसीना पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगाए। हसीना ने यूनुस सरकार को तानाशाही करार देते हुए जवाबी हमले किए।

Muhammad Yunus: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार महफूज आलम ने हाल ही में एक चौंकाने वाला दावा किया है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के एक लाख से अधिक सदस्य भारत भाग गए हैं। यह बयान मीडिया में व्यापक चर्चा का विषय बना हुआ है। बांग्लादेशी समाचार पोर्टल बीडीन्यूज24डॉट कॉम के अनुसार, महफूज आलम ने यह टिप्पणी ईद के अवसर पर आयोजित एक समारोह में की, जिसमें हसीना के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से लापता या मारे गए व्यक्तियों के परिवार शामिल हुए थे।

महफूज आलम का शेख हसीना पर तीखा प्रहार

तेजगांव क्षेत्र में आयोजित इस समारोह का आयोजन मानवाधिकार समूह ‘मेयर डाक’ द्वारा किया गया था। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, इस अवसर पर महफूज आलम ने शेख हसीना पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता की हत्या का बदला लेने के लिए अपने शासनकाल में सैकड़ों लोगों को जबरन गायब कर दिया और उनकी हत्या करवा दी।

उन्होंने यह भी कहा कि हसीना की नीतियों के चलते बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है, और यही कारण है कि उनके समर्थकों को अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा। इस दावे के बाद बांग्लादेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

शेख हसीना की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में उन पुलिसकर्मियों की विधवाओं के साथ एक वर्चुअल संवाद किया था, जिनके पति प्रदर्शनकारियों के हमलों में मारे गए थे। इस संवाद के दौरान उन्होंने बांग्लादेश में बढ़ती आतंकी गतिविधियों की कड़ी निंदा की और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने देश को एक आतंकी राज्य में बदल दिया है।

हसीना ने यह भी वादा किया कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति

बांग्लादेश वर्तमान में एक बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई, बेरोजगारी और सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष के कारण देश में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। हसीना ने मौजूदा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार नहीं है और इसे जनता की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान प्रशासन का मुख्य उद्देश्य मुक्ति संग्राम और उसके समर्थकों की आवाज को दबाना है।

गौरतलब है कि इस वर्ष अगस्त में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भारत आना पड़ा था। अब महफूज आलम के नए दावों ने इस राजनीतिक घटनाक्रम को और अधिक जटिल बना दिया है।