- भारत,
- 06-Apr-2025 01:00 PM IST
Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार जगत में हड़कंप मचा दिया है। जहां एक ओर कनाडा, मैक्सिको, चीन और भारत जैसे देशों में चिंता और विरोध के सुर तेज़ हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश ने इस मसले पर एक संतुलित और रणनीतिक रुख अपनाया है। अमेरिकी निर्यात पर लगाई गई 37% पारस्परिक (रेसिप्रोकल) टैरिफ के बावजूद, बांग्लादेशी नेतृत्व ने जनता को आश्वस्त करते हुए संयम और सूझबूझ दिखाने की मिसाल पेश की है।
अमेरिकी टैरिफ के जवाब में बांग्लादेश का संयम
शनिवार को ढाका स्थित स्टेट गेस्ट हाउस जमुना में बुलाई गई इमरजेंसी हाई-लेवल बैठक के बाद, मुख्य सलाहकार के उच्च प्रतिनिधि खलीलुर रहमान ने स्पष्ट किया कि इस नई टैरिफ नीति से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश सरकार अमेरिकी प्रशासन के साथ लगातार संवाद में है और स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
“हम उपयुक्त कदम उठाएंगे और अनुकूल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए बातचीत जारी रखेंगे,” उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा। इस अहम बैठक की अध्यक्षता अनुभवी नेता मोहम्मद यूनुस ने की थी, जो बांग्लादेश की आर्थिक नीतियों के दिशा-निर्देशन में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
व्यापार घाटा कम करने की रणनीति
ट्रंप प्रशासन की ओर से टैरिफ बढ़ाने की प्रमुख वजह उन देशों से असंतुलित व्यापार है जो अमेरिका को अधिक निर्यात करते हैं और कम आयात। इसी संदर्भ में बैठक में मौजूद वित्तीय सलाहकार एस.के. बशीर उद्दीन ने जानकारी दी कि बांग्लादेश अमेरिका से आयात बढ़ाने की योजना बना रहा है। इससे व्यापार संतुलन में सुधार होगा और टैरिफ पर दोबारा बातचीत की संभावनाएं भी खुलेंगी।
बशीर उद्दीन ने संकेत दिया कि बांग्लादेश कपास, ईंधन और औद्योगिक मशीनरी जैसे अहम अमेरिकी उत्पादों के आयात को प्राथमिकता देगा। इससे जहां अमेरिका को आर्थिक लाभ होगा, वहीं बांग्लादेश को उच्च गुणवत्ता वाले संसाधन भी सुलभ होंगे।
कूटनीतिक स्तर पर सक्रियता
खलीलुर रहमान ने बताया कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) सहित कई उच्चस्तरीय अमेरिकी अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। बांग्लादेश का उद्देश्य केवल टैरिफ कम कराना ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और मजबूत करना भी है।