Trump Tariff War / ये देश अमेरिका के आगे घुटनों पर आया, टैरिफ खत्म करने का दिया ऑफर!

2 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वैश्विक टैरिफ बढ़ोतरी के ऐलान से बाजारों में हड़कंप मच गया। वियतनाम ने जवाब में अमेरिका को टैरिफ छूट का प्रस्ताव भेजा। भारतीय बाजार में सेंसेक्स 3,000 अंकों से ज्यादा गिर गया। एशियाई और चीनी बाजार भी भारी गिरावट में हैं।

Trump Tariff War: 2 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में खलबली मच गई है। एशियाई बाजार से लेकर ऑस्ट्रेलिया और चीन तक सभी प्रमुख बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा, जहां सेंसेक्स में 3,000 अंकों से अधिक की गिरावट आई है।

वियतनाम ने अमेरिका को दिया 'नो टैरिफ' का ऑफर

इस भूचाल के बीच दक्षिण-पूर्व एशिया के उभरते हुए अर्थव्यवस्था वियतनाम से एक अहम कदम सामने आया है। अमेरिकी टैरिफ के जवाब में वियतनाम ने कूटनीतिक पहल करते हुए अमेरिका को एक औपचारिक पत्र भेजा है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख टो लैम ने 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखकर आग्रह किया कि अमेरिका 9 अप्रैल से अगले 45 दिनों तक वियतनाम को टैरिफ से राहत दे।

बदले में टो लैम ने अमेरिका को यह प्रस्ताव दिया है कि अमेरिकी कंपनियां वियतनाम में बिना किसी टैरिफ शुल्क के अपना सामान बेच सकती हैं। यह प्रस्ताव अमेरिका-वियतनाम व्यापारिक संबंधों को संतुलन में रखने की एक रणनीतिक पहल मानी जा रही है।

एशियाई देशों पर विशेष प्रभाव

राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ कदमों का सबसे बड़ा असर एशियाई देशों पर पड़ा है। चीन और वियतनाम प्रमुख रूप से निशाने पर हैं। चीन, जो पहले से ही अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध जैसी स्थिति में है, अब वियतनाम के जरिए अपने व्यापारिक चैनल मजबूत कर रहा था। लेकिन टैरिफ की इस नई लहर से चीन की रणनीति को भी झटका लग सकता है।

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह निर्णय अमेरिका के व्यापारिक घाटे को कम करने की कोशिश है, लेकिन इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में गंभीर व्यवधान आने की आशंका है।

भारतीय बाजार में भारी गिरावट

अमेरिकी नीति का असर भारत पर भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। आज बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 3,049.52 अंकों की गिरावट देखी गई और यह 72,315.17 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। यह गिरावट 4% से अधिक की है, जो निवेशकों की चिंताओं को दर्शाती है।

भारतीय निवेशक अमेरिकी टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार के अनिश्चित माहौल से चिंतित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति लंबी चली, तो विदेशी निवेश में गिरावट और घरेलू उद्योगों पर दबाव बढ़ सकता है।