मध्य प्रदेश / एमपी में 3,000 जूनियर डॉक्टर्स स्टाइपेंड में इज़ाफे की मांग को लेकर हड़ताल पर गए

मध्य प्रदेश के करीब 3,000 जूनियर डॉक्टर्स स्टाइपेंड में इज़ाफे और अपने व अपने परिजन के मुफ्त इलाज की मांग को लेकर सोमवार को हड़ताल पर चले गए। एमपी जूनियर डॉक्टर्स असोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद मीणा के अनुसार, "अगर शाम तक लिखित आदेश (मांग पूरी होने के) नहीं आते...हमें 1 जून से...कोविड-19 ड्यूटी से हटने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।"

Vikrant Shekhawat : May 31, 2021, 05:40 PM
जबलपुर: मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स  6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टरों ने सरकार को रविवार तक का समय दिया है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो फिर हड़ताल और तेज होगी. जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार लिखित आदेश मांगा है. 

डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी स्वास्थ्य सुविधाएं 

भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से हालात बिगड़ने लगे हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इससे पहले जब उन्होंने हड़ताल शुरू की थी. तब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांगे मानी जाएगी. लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया है. कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए इस बीच कई डॉक्टरों की मौत भी हो गई. ऐसे में उन्हें मजबूरी में फिर से हड़ताल शुरू करनी पड़ी है. 

जूनियर डॉक्टरों की 6 सूत्रीय मांगे 

6 फीसदी वेतन हर साल बढ़ाया जाए 

वेतन में बढ़ोतरी कर इसे 55 हजार, 57 हजार, 59 हजार से बढ़ाकर 68 हजार 200, 70 हजार 680 और 73 हजार 160 किया जाए 

कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को सरकारी नियुक्ति में 10 फीसद ज्यादा नंबर दिए जाएं 

कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त किया जाए

कोविड में काम करने वाले डॉक्टरों व उनके स्वजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था हो

कोविड वार्ड मरीजों का इलाज नहीं करेंगे जूनियर डॉक्टर 

प्रदेशभर में आज सुबह 8 बजे से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. डॉक्टरों ने कोविड वार्डों में मरीजों का इलाज बंद कर दिया. जिससे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि इससे पहले  6 मई को भी जूडा ने प्रदेश भर में आंदोलन किया था. इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उनकी कुछ मांगें मान ली थीं, जबकि कुछ मांगों के लिए समिति बनाकर सुझाव लेने की बात कही थी. जूडा की सबसे अहम मांग मानदेय में बढ़ोतरी है. जिसको लेकर अब सरकार पर दवाब बढ़ रहा है. 

प्रदेशभर के करीब 2500 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर 

मध्य प्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में करीब 2500 जूनियर डॉक्टर हैं. जो हड़ताल पर चले गए हैं. इनकी हड़ताल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है. अब तक सरकार की तरफ से इन डॉक्टरों की हड़ताल पर किसी प्रकार का कोई बयान नहीं आया है. 

जबलपुर और सागर स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित 

जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है.  250 से अधिक डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है. आज से जनरल OPD,इमरजेंसी और रूटीन ड्यूटी की सेवाएं बंद होने से मरीजों की परेशानियां बढ़ सकती हैं, इसी तरह सागर मेडिकल कॉलेज में भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है, जिससे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सेवाएं प्रभावित हुई हैं.