Krishna Janmashtami / श्री कृष्ण के 5 प्रसिद्ध मंदिर, जहां दर्शन करने से दूर होते हैं भक्तों के दुख

भगवान श्रीकृष्ण जी की पूजा न सिर्फ देश में बल्कि सात समंदर पार तक होती है. कान्हा की इसी पूजा से जुड़ा पर्व है जन्माष्टमी, जिसे हर साल भाद्रपद मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस पावन तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थानों पर जाकर दर्शन और पूजन करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. भारत में श्रीकृष्ण के बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनकी अपनी एक अलग ही विशेषता है.

Vikrant Shekhawat : Sep 06, 2023, 08:11 AM
Krishna Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण जी की पूजा न सिर्फ देश में बल्कि सात समंदर पार तक होती है. कान्हा की इसी पूजा से जुड़ा पर्व है जन्माष्टमी, जिसे हर साल भाद्रपद मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस पावन तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थानों पर जाकर दर्शन और पूजन करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. भारत में श्रीकृष्ण के बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनकी अपनी एक अलग ही विशेषता है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण जहां-जहां भी रहे वे सभी पावन तीर्थ बन गए. आइए देश के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों के बार में विस्तार से जानते हैं.

1. द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा

यह मथुरा का सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण की काले रंग की प्रतिमा को पूजा जाता है. यह मंदिर यमुना नदी के तट पर एक जेल की कोठरी के अंदर स्थित है, जहां पर कभी भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. मान्यता है कि इसी मंदिर की कोठरी में भगवान कृष्ण का प्राकट्य हुआ था. इस मंदिर को द्वारकाधीश मंदिर भी कहा जाता है. मथुरा में इस दिव्य मंदिर को देखने के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में लोग आते हैं. इस प्राचीन मंदिर की वास्तुकला देखते बनती है. द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन करके आपको अलग ही सुकून का आभास होगा.

2. श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था लेकिन उनका बचपन वृंदावन में ही बीता था. भगवान श्रीकृष्ण को बांके बिहारी भी कहा गया है, इसलिए इस मंदिर का नाम उनके नाम पर ही श्री बांके बिहारी रखा गया था. श्रीकृष्ण ने बचपन में शरारतों और रासलीला सभी वृंदावन में ही की थी. वृंदावन में इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, और बांके बिहारी मंदिर भी दर्शनीय हैं। जन्माष्टमी के मौके पर इन मंदिरों में कान्हा के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

3. द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात

यह मंदिर गुजरात का सबसे फेमस कृष्ण मंदिर माना जाता है. इस मंदिर को जगत मंदिर भी कहते हैं. हिंदू धर्म से जुड़े चार धाम में से एक है गुजरात का यह द्वारकाधीश मंदिर. यह मंदिर तीनों धामों में सबसे सुंदर और पवित्र माना गया है. यह द्वारकाधीश मंदिर गोमती क्रीक पर स्थित है और यह 43 मीटर की ऊंचाई पर बना है. यदि आपने इस मंदिर की यात्रा नहीं की है तो आपकी गुजरात की धार्मिक यात्रा पूरी नहीं मानी जाएगी. जन्माष्टमी के दिन यहां का माहौल देखने लायक होता है.

4. उडुपी श्री कृष्ण मठ मंदिर, कर्नाटक

श्री कृष्ण मठ मंदिर, भगवान कान्हा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर 13 वीं सदी में वैष्णव संत श्री माधवाचार्य द्वारा स्थापित किया गया था. भक्तों को इस मंदिर की खिड़की के नौ छिद्रो में से ही भगवान श्रीकृष्ण के करने को मिलते हैं. इस खिड़की को चमत्कारी खिड़की कहा जाता है. हर साल यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. जन्माष्टमी पर यहां की रौनक देखने लायक है. पूरे मंदिर को फूलों और लाइट्स से सजाया जाता है. भक्तों को दर्शन करने के लिए 3-4 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है.

5. जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा

उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. जन्माष्टमी से ज्यादा रौनक यहां पर रथ यात्रा के दौरान होती है. यह रथ यात्रा धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस रथ यात्रा में भाग लेने और जगन्नाथ जी के रथ को खींचने के लिए दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस यात्रा के लिए तीन विशाल रथ तैयार किए जाते हैं जिसमें बलराम जी का रथ सबसे आगे, फिर बहन सुभद्रा का रथ और उसके भी भगवान कृष्ण का रथ होता है.