Vikrant Shekhawat : Oct 10, 2021, 02:36 PM
नई दिल्ली: गाय संरक्षण की मांग को हिंदू समुदाय के मौलिक अधिकारों का हिस्सा बनाने की मांग के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि संसद को भगवान राम, भगवान कृष्ण, रामायण और इसके रचयिता वाल्मीकि के अलावा गीता और इसके रचयिता महर्षि वेद व्यास को 'राष्ट्रीय सम्मान' देने के लिए कानून लाना चाहिए।हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संविधान किसी को नास्तिक होने की अनुमति देता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई देवी-देवताओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणी कर सकता है। जस्टिस ने हाथरस के आकाश जाटव की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए ये टिप्पणियां कीं। आरोपी पर सोशल मीडिया पर हिंदू देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें साझा करने का आरोप है, जिसे 4 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।जमानत आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि देश के सभी स्कूलों में इसे अनिवार्य विषय बनाकर इस मुद्दे पर बच्चों को शिक्षित करने और बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह के मुद्दों पर अश्लील टिप्पणी करने के बजाय, जिस देश में वह रहता है, उसके देवताओं और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।सितंबर में जस्टिस यादव ने मांग की कि सरकार को गायों को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए और इसका संरक्षण हिंदू समुदाय के मौलिक अधिकारों का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने गोहत्या के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की थी। न्यायमूर्ति यादव ने अपने 12 पेजों के आदेश में यह भी कहा था कि वैज्ञानिकों का मानना है कि गाय एकमात्र जानवर है जो ऑक्सीजन लेती है और छोड़ती है।