Waqf Amendment Bill / वक्फ बिल राज्यसभा से 12 घंटे चर्चा के बाद पास : पक्ष में 128, विरोध में 95 वोट डले

लोकसभा के बाद अब राज्यसभा ने भी वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर दिया है. राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. सदन में बिल पर 14 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई. विपक्ष ने बिल का विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया. वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री करेन रिजिजू ने कहा कि बिल से करोड़ों लोगों को फायदा होगा.

लोकसभा में पारित होने के बाद, वक्फ संशोधन विधेयक अब राज्यसभा में भी पारित हो गया है। बुधवार को लोकसभा में यह विधेयक प्रस्तुत किया गया था, जिस पर 12 घंटे से अधिक की चर्चा हुई और देर रात इसे पारित कर दिया गया। लोकसभा में इस बिल के समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे। वहीं, राज्यसभा में इसे 128 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि 95 सांसदों ने इसका विरोध किया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।

राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा

गुरुवार को दोपहर 1 बजे केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक को राज्यसभा में प्रस्तुत किया। विधेयक पर 14 घंटे से अधिक चर्चा चली, जिसके बाद स्वचालित वोटिंग प्रणाली के माध्यम से मतदान किया गया और विधेयक को बहुमत के साथ पारित कर दिया गया। इस दौरान किरेन रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक किसी भी मुसलमान को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

बीजद सांसद सस्मित पात्रा का समर्थन

विपक्ष की तीन प्रमुख पार्टियों - बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने इस विधेयक को लेकर कोई व्हिप जारी नहीं किया था। बीआरएस ने राज्यसभा में विधेयक का विरोध किया, जबकि बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने इसके समर्थन में मतदान किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने सांसदों को अपनी अंतरात्मा के अनुसार मतदान करने की स्वतंत्रता दी थी, और उन्होंने विधेयक के समर्थन में वोट दिया। वहीं, भाजपा के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड और तेलुगु देशम पार्टी ने भी विधेयक का समर्थन किया।

विपक्ष का विरोध

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों को परेशान करने के उद्देश्य से लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 1995 के वक्फ अधिनियम के मूलभूत तत्वों को बनाए रखते हुए भी, इसमें कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं जो अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में कटौती कर रही है और अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंद कर रही है।

किरेन रिजिजू का स्पष्टीकरण

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रारंभिक विधेयक और अब पारित विधेयक में कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष समेत चार सदस्य होंगे, जिससे बोर्ड में निर्णय लेने की प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहेगी।

आगे की प्रक्रिया

वक्फ संशोधन विधेयक अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा और लागू किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाओं पर भी नज़र रखी जाएगी।