- भारत,
- 04-Apr-2025 08:15 PM IST
Dollar vs Rupee: हाल ही में अमेरिकी करेंसी डॉलर में भारी गिरावट देखने को मिली, जबकि भारतीय रुपया मजबूती की ओर अग्रसर रहा। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और डॉलर को मजबूत करने के लिए टैरिफ जैसे कदम उठाए, लेकिन इसके बावजूद डॉलर में गिरावट देखने को मिली। डॉलर इंडेक्स में बीते 24 घंटों में लगभग 2% की गिरावट हुई, जबकि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 85 के स्तर से नीचे आ गया।
डॉलर में गिरावट के कारण
डॉलर में गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण रहे:- रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान: ट्रंप प्रशासन द्वारा लगभग 60 देशों पर लगाए गए टैरिफ से डॉलर को मजबूती मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह उल्टा प्रभाव डाल गया। इससे अमेरिकी आयात महंगा हो गया, जिससे उपभोक्ताओं पर भार बढ़ गया और डॉलर की मांग में कमी आई।
- वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका: टैरिफ युद्ध के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा बढ़ गया, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ और डॉलर में गिरावट आई।
- विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की कमजोरी: वैश्विक निवेशकों ने अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की ओर रुख किया, जिससे डॉलर की कमजोरी बढ़ी।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: तेल की कीमतों में कमी आने से भारत जैसे आयातक देशों को फायदा हुआ, जिससे भारतीय रुपये को मजबूती मिली।
भारतीय रुपये की मजबूती के कारण
भारतीय रुपया पिछले कुछ महीनों में डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ है। इसका मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:- डॉलर की कमजोरी: जब अमेरिकी मुद्रा कमजोर होती है, तो उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राएं मजबूत होती हैं, और भारतीय रुपया भी इस प्रवृत्ति का अनुसरण कर रहा है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता: भारत की आर्थिक नीतियां और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा ने रुपये को मजबूती देने में मदद की है।
- एफआईआई का निवेश: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भारतीय बाजारों में बढ़ता निवेश भी रुपये की मजबूती का एक प्रमुख कारण रहा।