Dollar vs Rupee / डॉलर का बड़ा पलटवार, महीने की सबसे बड़ी गिरावट से तार-तार हुआ रुपया!

सोमवार को डॉलर में मजबूती से रुपया 38 पैसे गिरकर 87.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। टैरिफ वॉर और विदेशी फंड निकासी के चलते करेंसी मार्केट प्रभावित हुआ। फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर कमजोर होने के बावजूद रुपये को समर्थन नहीं मिला।

Dollar vs Rupee: सोमवार को एक बार फिर डॉलर ने मजबूती दिखाई, जिससे भारतीय रुपये में महीनेभर की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। रुपये की इस गिरावट ने वित्तीय बाजार में चिंता बढ़ा दी है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी नीतियों से उपजी संभावनाओं ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है।

डॉलर की मजबूती और रुपये पर असर

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर नीति के कारण वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की स्थिति बन रही है। इसका सीधा असर करेंसी मार्केट पर पड़ा है, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। इसके साथ ही कच्चे तेल की अस्थिर कीमतों के कारण भारतीय रुपये पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया। सोमवार को फॉरेक्स मार्केट में रुपया 38 पैसे की गिरावट के साथ 87.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह बीते एक महीने में रुपये की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।

फॉरेक्स बाजार की स्थिति

फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के लिए भी कमजोर रुख बना हुआ है। इसके बावजूद रुपये को समर्थन नहीं मिला और यह कमजोर होकर बंद हुआ। इसके अतिरिक्त, स्थानीय शेयर बाजार में बिकवाली के कारण भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है।

रुपये की चाल: पहले और अब

फॉरेक्स मार्केट में सोमवार को रुपया 87.24 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला और दिन में अस्थिरता के कारण 87.36 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच गया। हालांकि, इस दौरान यह 87.16 प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर तक भी गया, लेकिन अंत में 87.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

इससे पहले, 5 फरवरी को भी रुपये में बड़ी गिरावट देखी गई थी, जब यह डॉलर के मुकाबले 39 पैसे गिर गया था। वहीं, पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को रुपया 17 पैसे की बढ़त के साथ 86.95 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

वैश्विक कारक और आर्थिक संकेतक

डॉलर की मजबूती का अंदाजा डॉलर इंडेक्स से लगाया जा सकता है, जो छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की वैल्यू को मापता है। सोमवार को यह 0.15 प्रतिशत घटकर 103.65 पर आ गया। वहीं, ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 0.28 प्रतिशत बढ़कर 70.56 डॉलर प्रति बैरल हो गई।

शेयर बाजार पर प्रभाव

भारतीय शेयर बाजार में भी रुपये की कमजोरी का असर देखा गया। बीएसई सेंसेक्स 217.41 अंक गिरकर 74,115.17 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 92.20 अंक घटकर 22,460.30 अंक पर बंद हुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को भी 2,035.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।

निष्कर्ष

डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच रुपये पर दबाव बढ़ता जा रहा है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता और वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावनाओं के चलते भारतीय करेंसी और बाजार दोनों प्रभावित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में रुपये की स्थिति और बाजार की चाल काफी हद तक वैश्विक घटनाक्रमों और घरेलू आर्थिक नीतियों पर निर्भर करेगी।