- भारत,
- 15-Apr-2025 11:40 AM IST
Dollar vs Rupee: भारत के आर्थिक परिदृश्य में मंगलवार को एक उत्साहजनक मोड़ आया, जब शेयर बाजार की जबरदस्त तेजी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 39 पैसे मजबूत होकर 85.71 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.85 के स्तर पर मजबूती के साथ खुला और शुरुआती कारोबार में यह 85.71 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव की तुलना में उल्लेखनीय उछाल को दर्शाता है। गौरतलब है कि शुक्रवार को भी रुपया 58 पैसे की बढ़त के साथ 86.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी बनी बनी हुई
रुपये की इस मजबूती की पृष्ठभूमि में डॉलर इंडेक्स की गिरावट एक प्रमुख कारक बनकर उभरी है। अमेरिका द्वारा ट्रेड वॉर की नीति अपनाने के बाद से डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट देखी जा रही है। जहां जनवरी में यह इंडेक्स 110 के रिकॉर्ड स्तर पर था, वहीं अब यह फिसलकर 99.46 पर आ गया है। फरवरी में यह 108 के स्तर पर था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी मुद्रा वैश्विक स्तर पर दबाव में है।
रुपये को किसने दी मजबूती?
विदेशी मुद्रा विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और भारत पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क को अमेरिका द्वारा नौ जुलाई तक टालने जैसे फैसलों ने रुपये को संबल प्रदान किया है। भले ही विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पूंजी निकाल रहे हों — शुक्रवार को एफआईआई ने 2,519.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे — लेकिन अमेरिकी डॉलर के कमजोर पड़ने और कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट ने रुपये को सहारा दिया है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.06% घटकर 64.92 डॉलर प्रति बैरल रही, जिससे भारत के आयात खर्च में कमी की संभावना बनी है।
मजबूत रुपये से देश को क्या मिलेगा फायदा?
रुपये की मजबूती देश के लिए कई मोर्चों पर राहत लेकर आई है। सबसे बड़ा फायदा आयात की लागत में कमी के रूप में सामने आएगा, जिससे महंगाई पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। विदेशी शिक्षा और पर्यटन अब भारतीयों के लिए थोड़े सस्ते हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, मजबूत रुपया वैश्विक निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर सकता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा और निवेश दोनों बढ़ेंगे।