Dainik Bhaskar : Jul 12, 2019, 10:55 AM
धोनी ने 8 पारियों में 45.50 की औसत से रन बनाए, उन्होंने 2 अर्धशतक लगाएशोएब मलिक, जेपी डुमिनी और इमरान ताहिर ने वनडे से संन्यास लियाक्रिस गेल ने 8 पारियों में 242 रन बनाए, उन्होंने 2 विकेट भी लिएवर्ल्ड कप अब आखिरी दौर में पहुंच चुका है। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की टीमें फाइनल मुकाबले में आमने-सामने होंगी। इससे पहले सेमीफाइनल तक 7 खिलाड़ियों ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेला। इनमें टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी शामिल हैं। इस लिस्ट में धोनी के अलावा वेस्टइंडीज के क्रिस गेल, श्रीलंका के लसिथ मलिंगा, दक्षिण अफ्रीका के जेपी डुमिनी और इमरान ताहिर, पाकिस्तान के शोएब मलिक और बांग्लादेश के मशरफे मुर्तजा हैं। गेल, मलिंगा और ताहिर का प्रदर्शन इस वर्ल्ड कप में औसत रहा। वहीं, डुमिनी, मलिक और मुर्तजा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
1. महेंद्र सिंह धोनी। पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने इस वर्ल्ड कप में 9 मैच में 273 रन बनाए। रनों के लिहाज से यह उनका सबसे बेहतरीन वर्ल्ड कप साबित हुआ। उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में 241 रन बनाए थे। 38 साल के धोनी ने अपने आखिरी वर्ल्ड कप मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 50 रन बनाए, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। उन्हें मार्टिन गुप्टिल ने रनआउट कर दिया। इस हार के साथ ही टीम इंडिया का वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी टूट गया।
2. क्रिस गेल। वेस्टइंडीज का यह ओपनर इस वर्ल्ड कप में अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सका। 39 साल के गेल 8 पारियों में सिर्फ 242 रन ही बना सके। उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला। वे अफगानिस्तान के खिलाफ अपने आखिरी वर्ल्ड कप मुकाबले में 7 रन ही बना सके। गेल ने वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी, लेकिन बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया। वे भारत के खिलाफ अगस्त में होने वाली वनडे सीरीज में खेलेंगे।
3. शोएब मलिक। इस वर्ल्ड कप में मलिक फ्लॉप रहे। 37 साल के पूर्व पाकिस्तानी कप्तान को इस वर्ल्ड कप में सिर्फ 3 मैच में खेलने का मौका मिला। इस दौरान वे कुल 8 रन ही बना सके। भारत के खिलाफ मलिक शून्य पर आउट हो गए। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर ही कर दिया। वह मुकाबला उनके करियर का आखिरी वनडे साबित हुआ। साथ ही पाक टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में भी नाकाम रही।
4. लसिथ मलिंगा।भारत के खिलाफ मलिंगा ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप मैच खेला। इस मैच में वे असरदार साबित नहीं हुए। उन्होंने 10 ओवर में 82 रन दिए। मलिंगा को सिर्फ एक ही सफलता मिल सकी। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 7 मैच में कुल 13 विकेट लिए, लेकिन टीम का कोई अन्य गेंदबाज उनका साथ नहीं दे सका। इससे श्रीलंकाई टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी।
5. इमरान ताहिर। ऑस्ट्रलिया के खिलाफ खेले गए आखिरी लीग मैच में दक्षिण अफ्रीकी टीम भले ही जीत गई, लेकिन वह अंतिम-4 में नहीं पहुंच सकी। ताहिर इस मैच में 9 ओवर में सिर्फ 1 ही विकेट निकाल सके। उन्होंने 59 रन भी दिए। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 9 मैच खेले। उनके खाते में सिर्फ 11 विकेट ही आए।
6. मशरफे मुर्तजा। बांग्लादेश ने इस वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीता। हालांकि, वह सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी। वर्ल्ड कप में उसके बेहतरीन प्रदर्शन के पीछे मुर्तजा की कप्तानी का भी योगदान है। वे टीम को एकजुट रखने में माहिर हैं। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वे पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ 1 ही विकेट ले सके। पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी वर्ल्ड कप मैच में उन्होंने 7 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई।
7. जेपी डुमिनी। 35 साल के जेपी डुमिनी ने अपना पहला वनडे 2004 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। वे इस वर्ल्ड कप में बल्लेबाज के तौर पर नाकाम रहे। उन्होंने 4 पारियों में 17.50 की औसत से सिर्फ 70 रन बनाए। डुमिनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मैच में 14 रन ही बना सके। 13 गेंद की पारी में उन्होंने एक चौका लगाया।
1. महेंद्र सिंह धोनी। पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने इस वर्ल्ड कप में 9 मैच में 273 रन बनाए। रनों के लिहाज से यह उनका सबसे बेहतरीन वर्ल्ड कप साबित हुआ। उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में 241 रन बनाए थे। 38 साल के धोनी ने अपने आखिरी वर्ल्ड कप मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 50 रन बनाए, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। उन्हें मार्टिन गुप्टिल ने रनआउट कर दिया। इस हार के साथ ही टीम इंडिया का वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी टूट गया।
2. क्रिस गेल। वेस्टइंडीज का यह ओपनर इस वर्ल्ड कप में अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सका। 39 साल के गेल 8 पारियों में सिर्फ 242 रन ही बना सके। उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला। वे अफगानिस्तान के खिलाफ अपने आखिरी वर्ल्ड कप मुकाबले में 7 रन ही बना सके। गेल ने वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी, लेकिन बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया। वे भारत के खिलाफ अगस्त में होने वाली वनडे सीरीज में खेलेंगे।
3. शोएब मलिक। इस वर्ल्ड कप में मलिक फ्लॉप रहे। 37 साल के पूर्व पाकिस्तानी कप्तान को इस वर्ल्ड कप में सिर्फ 3 मैच में खेलने का मौका मिला। इस दौरान वे कुल 8 रन ही बना सके। भारत के खिलाफ मलिक शून्य पर आउट हो गए। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर ही कर दिया। वह मुकाबला उनके करियर का आखिरी वनडे साबित हुआ। साथ ही पाक टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में भी नाकाम रही।
4. लसिथ मलिंगा।भारत के खिलाफ मलिंगा ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप मैच खेला। इस मैच में वे असरदार साबित नहीं हुए। उन्होंने 10 ओवर में 82 रन दिए। मलिंगा को सिर्फ एक ही सफलता मिल सकी। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 7 मैच में कुल 13 विकेट लिए, लेकिन टीम का कोई अन्य गेंदबाज उनका साथ नहीं दे सका। इससे श्रीलंकाई टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी।
5. इमरान ताहिर। ऑस्ट्रलिया के खिलाफ खेले गए आखिरी लीग मैच में दक्षिण अफ्रीकी टीम भले ही जीत गई, लेकिन वह अंतिम-4 में नहीं पहुंच सकी। ताहिर इस मैच में 9 ओवर में सिर्फ 1 ही विकेट निकाल सके। उन्होंने 59 रन भी दिए। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 9 मैच खेले। उनके खाते में सिर्फ 11 विकेट ही आए।
6. मशरफे मुर्तजा। बांग्लादेश ने इस वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीता। हालांकि, वह सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी। वर्ल्ड कप में उसके बेहतरीन प्रदर्शन के पीछे मुर्तजा की कप्तानी का भी योगदान है। वे टीम को एकजुट रखने में माहिर हैं। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वे पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ 1 ही विकेट ले सके। पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी वर्ल्ड कप मैच में उन्होंने 7 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई।
7. जेपी डुमिनी। 35 साल के जेपी डुमिनी ने अपना पहला वनडे 2004 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। वे इस वर्ल्ड कप में बल्लेबाज के तौर पर नाकाम रहे। उन्होंने 4 पारियों में 17.50 की औसत से सिर्फ 70 रन बनाए। डुमिनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मैच में 14 रन ही बना सके। 13 गेंद की पारी में उन्होंने एक चौका लगाया।