Vikrant Shekhawat : Sep 03, 2023, 10:13 AM
G20 Summit India: दिल्ली में जी-20 सम्मेलन की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है. सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत ने सभी सदस्य देशों को आमंत्रित किया है. ज्यादातर सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचने वाले हैं. कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बजाय उनके विशेष प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेगें. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके जी-20 सम्मेलन में नहीं आ पाने के लिए अपनी सफाई दी है.चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपने प्रधानमंत्री लि कियांग को भेजने वाले हैं. कई दूसरे देश भी अपने राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की जगह दूसरे नेताओं को भेज सकते हैं. जी20 के हरेक सम्मेलन में ऐसा होता आया है. इटली में साल 2021 में हुए जी-20 सम्मेलन में छह देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री नहीं आ पाये थे.दिलचस्प बात यह है कि उस समय ना तो रूस-यूक्रेन की जंग हो रही थी और ना ही कोई दूसरा बड़ा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन. भारत में जी-20 सम्मेलन से ठीक पहले इंडोनेशिया में भारत-आसियान सम्मेलन एवं ईस्ट एशिया समिट होने जा रहा है. कुछ ही दिन पहले दक्षिण अफ़्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हुआ था.जी-20 के अबतक हुए सम्मेलनों पर गौर करें तो साल 2008 से अभी तक कुल 17 सम्मेलन हो चुके हैं जिसमें वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सऊदी अरब की मेज़बानी में सम्मेलन का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये हुआ था. वर्ष 2009 एवं वर्ष 2010 में एक साल में दो-दो बार जी-20 सम्मेलन हुआ था. छह बार सम्मेलन में 19 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया जबकि पांच बार सम्मेलन में दो देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री गैर हाजिर रहे.कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष रह चुके हैं गैर हाजिरपिछले साल यानी वर्ष 2022 में इंडोनेशिया के बाली सम्मेलन के दौरान तीन देशों के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भाग नहीं ले सके. भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, कनाडा , जर्मनी और दक्षिण कोरिया ऐसे देश हैं जो जी-20 सम्मेलन में भागीदारी को लेकर नंबर एक पर रहे हैं यानी हर बार सम्मेलन में इन देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया है. मेक्सिको के राष्ट्रपति तो पिछले तीन साल से जी 20 सम्मेलन में भाग ही नहीं ले रहे हैं. चीन, जापान, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और फ्रास अबतक एक-एक बार राष्ट्राध्यक्ष के स्तर पर गैर-हाजिर रहे हैं.रूस के राष्ट्रपति ने दो मौक़ों पर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपने विदेश मंत्री को भेजा. अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया और ब्राजील का प्रतिनिधित्व भी दो-दो बार उनके मंत्री स्तर पर हुआ है. सबसे खराब रिकार्ड इस मामले में सऊदी अरब का रहा है जिसने 9 बार अपने मंत्री को सम्मेलन में भाग लेने भेजा जिसमें से एक बार साल 2017 में बिना मंत्रालय वाले मंत्री को सम्मेलन में भाग लेने के लिए भेजा था.जी-20 सम्मेलन से क्यों गायब रहते हैं राष्ट्राध्यक्षजी-20 जैसे बड़े मंच पर सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के ना पहुंच पाने से दुनिया भर में हेडलाइन तो बनती है लेकिन जानकारों का मानना है कि इसमें कोई अनोखी बात नहीं है. कई बार सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष निजी वजहों से या फिर घरेलू व्यस्तताओं की वजह से समिट में हिस्सा नहीं ले पाते हैं. बहुत से राष्ट्राध्यक्षों को कई सम्मेलनों में हिस्सा लेना होता है, ऐसे में उनमें से कुछ में वो भाग लेते हैं और कुछ में वो हिस्सा नहीं ले पाते हैं.