Vikrant Shekhawat : Sep 11, 2023, 07:44 AM
G20 Summit: भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुई जी20 सम्मेलन ने देश को एक नई ऊर्जा दी है। इस सम्मेलन से कई बड़े फैसले तो निकलकर सामने आए ही हैं, साथ ही इस बैठक में भारत ने खुद को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में भी पेश किया है। वहीं, अब इस बैठक के बाद जी20 ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार के लिए आवाजें उठने लगी हैं। सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर अब तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन भी खुलकर सामने आ गए हैं। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...एर्दोगन का समर्थनतुर्किये के राष्ट्रपति रचप तैयब एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनता है तो तुर्किये को इस बात पर गर्व होगा। एर्दोगन ने जोर दिया कि सभी गैर-पी5 सदस्यों को बारी-बारी से सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का अवसर मिलना चाहिए। एर्दोगन ने कहा कि ये दुनिया पांच देशों से कहीं बड़ी है। बता दें कि यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं।बाइडेन ने दिया समर्थनअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पीएम मोदी के साथ हुई मुलाकात में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक शासन को अधिक समावेशी और प्रतिनिधिक बनाए जाने की जरूरत है। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। पीएम मोदी ने दिया बयानजी20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हवाला देते हुए मोदी ने कहा था कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है। बावजूद इसके, यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक क्षेत्रीय मंच अस्तित्व में आए हैं, और ये प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं। सुधारों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाकर एक ऐतिहासिक पहल की गई है।