India-China Relation / भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, मोदी-जिनपिंग के बीच बनी आम सहमति लागू करने को चीन हुआ तैयार

चीन ने कहा है कि वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बनी सहमतियों को लागू करने के लिए तैयार है। दोनों नेताओं ने लद्दाख विवाद हल करने, गश्त बहाल करने, और द्विपक्षीय वार्ता बढ़ाने पर सहमति जताई थी। भारत-चीन संबंधों में सुधार की कोशिशें जारी हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 19, 2024, 09:19 AM
India-China Relation: चीन ने हाल ही में यह संकेत दिया है कि वह रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई वार्ता के दौरान तय हुए महत्वपूर्ण मुद्दों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बयान ने दोनों देशों के संबंधों में एक नई सकारात्मकता की झलक दी है, जो पिछले कुछ वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण बातचीत

पिछले महीने रूस के कजान शहर में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच लगभग 50 मिनट की बैठक ने सीमा विवाद और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर नए सिरे से संवाद की राह बनाई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए सैनिकों की वापसी और गश्त को पुनः शुरू करने के मुद्दे पर सहमति व्यक्त की।

मोदी ने बैठक में यह रेखांकित किया कि मतभेदों और विवादों को शांतिपूर्ण और उचित तरीके से सुलझाना चाहिए। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता और शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, शी ने इस बात पर बल दिया कि भारत और चीन जैसे दो बड़े विकासशील देशों को एक-दूसरे के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और सद्भाव से रहने के लिए एक उज्ज्वल मार्ग की तलाश करनी चाहिए।

गलवान घाटी के बाद तनावपूर्ण संबंध

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंधों में भारी गिरावट आई थी। इस झड़प को पिछले दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे भीषण सैन्य संघर्ष माना गया। हालांकि, हाल ही में दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख के विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने और गश्त बहाल करने पर समझौता हुआ है। इसे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

भविष्य की संभावनाएं

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन भारत के साथ संवाद और सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, आगामी G20 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शी के बीच संभावित बैठक के बारे में उन्होंने किसी जानकारी से इनकार किया।

दोनों नेताओं ने विशेष प्रतिनिधियों के वार्ता तंत्र को फिर से सक्रिय करने का निर्देश दिया है। इस तंत्र के तहत सीमा विवाद और अन्य मुद्दों पर समाधान खोजने के प्रयास किए जाएंगे।

समन्वय और रणनीतिक विश्वास की आवश्यकता

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने के लिए रणनीतिक विश्वास को बढ़ावा देना और संवाद को मजबूत करना आवश्यक है। दोनों देशों की आबादी लगभग 1.4 अरब होने के कारण, उनके बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध न केवल क्षेत्रीय शांति बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

निष्कर्ष

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद भारत और चीन के संबंधों में एक नई ऊर्जा का संकेत मिला है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों देश सहमत मुद्दों को कितनी प्रभावी तरीके से लागू कर पाते हैं। सीमा विवाद और पारस्परिक संवेदनशीलता के मुद्दों पर सही दिशा में कदम उठाने से द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और प्रगति सुनिश्चित हो सकती है।