Kal Ho Naa Ho: साल 2003 में आई फिल्म
‘कल हो ना हो’ बॉलीवुड की सबसे प्यारी और सफल फिल्मों में से एक मानी जाती है। शाहरुख खान, प्रीति जिंटा, और सैफ अली खान जैसे सितारों ने इसमें मुख्य भूमिकाएं निभाईं, और उनके बीच की केमिस्ट्री आज भी लोगों के दिलों में बसी है। फिल्म का निर्देशन निखिल आडवाणी ने किया था, जबकि इसके निर्माता करण जौहर थे। धर्मा प्रोडक्शन की यह फिल्म सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही बल्कि लोगों के दिलों में भी अपनी जगह बना चुकी है। अब, इस फिल्म को एक बार फिर सिनेमाघरों में रिलीज किया जा रहा है, और फैंस इसे बड़े पर्दे पर देखने के लिए बेहद उत्साहित हैं।
1. पहले कुछ और रखा जाना था फिल्म का नाम
‘कल हो ना हो’ का नाम पहले
‘कभी अलविदा ना कहना’ रखा जाने वाला था। यह एक दिलचस्प बात है क्योंकि बाद में करण जौहर ने इस नाम का उपयोग 2006 में एक अन्य फिल्म के लिए किया। लेकिन, ‘कल हो ना हो’ का नामकरण उस समय हुआ जब करण जौहर ने फिल्म
‘हमेशा’ के गाने
‘ऐसा मिलन कल हो ना हो’ को सुना और इसके प्रति आकर्षित हो गए। यह नाम फिल्म के इमोशनल और संदेशपूर्ण कहानी के लिए बेहद उपयुक्त साबित हुआ।
2. "रेड ड्रेस का शाप"
फिल्म में प्रीति जिंटा ने नैना का किरदार निभाया, और उनका क्यूट चश्मिश लुक दर्शकों को बहुत पसंद आया। खासकर, प्रीति की एक रेड ड्रेस काफी चर्चा में रही। एक सीन में नैना, रोहित (सैफ अली खान) को अपने दिल की बात बताती है कि उसे अमन (शाहरुख खान) से प्यार है। लेकिन इसके बाद नैना का दिल टूट जाता है। इस सीन के दौरान प्रीति ने बताया कि जब भी वह उस रेड ड्रेस में यह सीन शूट करतीं, कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती। कभी रेन मशीन खराब हो जाती, तो कभी शूट ही कैंसिल हो जाता। प्रीति ने मजाक में इसे
"रेड ड्रेस का शाप" नाम दे दिया था।
3. नैना के पिता का अनदेखा किरदार
फिल्म में नैना की मां का किरदार जया बच्चन ने निभाया, जबकि नैना के पिता के बारे में फिल्म में ज्यादा कुछ नहीं बताया गया। हालांकि, शुरुआत में एक सीन में नैना के बचपन की झलक दिखाई जाती है जिसमें उसके पिता का हल्का सा चेहरा नजर आता है। दिलचस्प बात यह है कि इस किरदार को कोई और नहीं बल्कि फिल्म के सिनेमेटोग्राफर अनिल मेहता ने निभाया था।
4. शाहरुख के बच्चों के लिए फिल्म की खास एडिटिंग
‘कल हो ना हो’ का क्लाइमेक्स आज भी दर्शकों के दिलों को छू जाता है। इस क्लाइमेक्स में शाहरुख खान का किरदार अमन मर जाता है। लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार, शाहरुख के बच्चों के लिए करण जौहर ने एक स्पेशल एडिट किया था जिसमें अमन के डेथ सीन को हटा दिया गया था। इस तरह शाहरुख के बच्चे फिल्म का इमोशनल अंत देखे बिना ही इसे एंजॉय कर सके।
आज भी अमर है ‘कल हो ना हो’ का संगीत और संवाद
‘कल हो ना हो’ का संगीत भी बेहद खास था।
"हर घड़ी बदल रही है" और
"माही वे" जैसे गाने आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं। शंकर-एहसान-लॉय द्वारा तैयार किए गए इन गानों ने फिल्म को एक अलग पहचान दी। इसके अलावा, फिल्म के कई संवाद जैसे
"जो है, बस यही एक पल है" और
"हम एक बार जीते हैं, एक बार मरते हैं" लोगों के बीच आज भी मशहूर हैं।
निष्कर्ष
सालों बाद
‘कल हो ना हो’ को फिर से बड़े पर्दे पर देखना एक नई पीढ़ी के लिए खास अनुभव होगा। यह फिल्म न केवल रोमांस और ड्रामा का एक बेहतरीन मेल है, बल्कि जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने का संदेश भी देती है।