Vikrant Shekhawat : Sep 26, 2020, 04:17 PM
Delhi: आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अपना 88वां जन्मदिन मना रहै है, देश भर से इन्है जन्मदिन कै अवसर पर बधाई भरे मेसेज मिल रहै है। ओर इसी अवसर पर उनके देश के प्रति योगदान को भी याद किया जा रहा है ओर इनके देश की अर्थव्यवस्था में किये हुए योगदान की भी एक बार फिर से चर्चा हो रही है। मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक उदारीकरण और आर्थिक सुधारों का जनक कहा जाता है। साल 1991 में वित्त मंत्री रहने के दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के नये युग का सूत्रपात किया था।
साल 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वह देश के 13वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने न सिर्फ अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, बल्कि साल 2009 से 2014 तक फिर देश के प्रधानमंत्री रहे। वह अपने करियर की शुरुआत में विदेश व्यापार विभाग में आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के सचिव रहे। वह साल 1976 से लेकर 1980 तक भारतीय रिजर्व बैंक के डायरेक्टर और बाद में साल 1982 से लेकर 1985 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। 26 सितंबर 1932 को अविभाजित पंजाब राज्य में जन्मे मनमोहन सिंह ने 1948 में मैट्रिक किया। पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के बाद उन्होंने 1957 में ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की। इसके बाद उन्होंने 1962 में Oxford यूनिवर्सिटी से डी.फिल किया। वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उन्हें पद्म विभूषण, इंडियन साइंस कांग्रेस का जवाहर लाल नेहरू जन्म शताब्दी अवॉर्ड, वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड और यूरो मनी अवॉर्ड मिल चुका है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं।
साल 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वह देश के 13वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने न सिर्फ अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, बल्कि साल 2009 से 2014 तक फिर देश के प्रधानमंत्री रहे। वह अपने करियर की शुरुआत में विदेश व्यापार विभाग में आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के सचिव रहे। वह साल 1976 से लेकर 1980 तक भारतीय रिजर्व बैंक के डायरेक्टर और बाद में साल 1982 से लेकर 1985 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। 26 सितंबर 1932 को अविभाजित पंजाब राज्य में जन्मे मनमोहन सिंह ने 1948 में मैट्रिक किया। पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के बाद उन्होंने 1957 में ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की। इसके बाद उन्होंने 1962 में Oxford यूनिवर्सिटी से डी.फिल किया। वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उन्हें पद्म विभूषण, इंडियन साइंस कांग्रेस का जवाहर लाल नेहरू जन्म शताब्दी अवॉर्ड, वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड और यूरो मनी अवॉर्ड मिल चुका है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं।