Manmohan Singh / मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर खींचतान, भाजपा विपक्ष पर बरसी, 'गंदी राजनीति बंद करें'

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके स्मारक को लेकर विवाद गरमा गया। कांग्रेस ने भाजपा पर स्मारक के स्थान को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे समय पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

Vikrant Shekhawat : Dec 28, 2024, 11:20 AM
Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, उनके स्मारक को लेकर शुरू हुआ विवाद सियासी चर्चा का केंद्र बन गया है। शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार से पहले, कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी ने तूल पकड़ लिया। कांग्रेस ने भाजपा पर पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान में कमी का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने इसे "गंदी राजनीति" करार दिया।

खरगे की मांग और केंद्र का जवाब

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए निगमबोध घाट पर जगह आवंटित करने की मांग की। उन्होंने इसे भारतीय राजनीति की परंपरा से जोड़ते हुए कहा, "पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार स्थलों पर स्मारक बनाए जाते हैं।"

इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित की जाएगी और इस प्रक्रिया के बीच अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं। इसके बावजूद कांग्रेस ने केंद्र पर तत्काल कदम न उठाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस की नाराज़गी

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति असम्मान का आरोप लगाया। पार्टी नेता राजेश ठाकुर ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह जैसे महान नेता के लिए स्मारक की जगह न देना बेहद निंदनीय है।" पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा, "डॉ. सिंह का स्मारक भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।"

भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर राजनीति करना अशोभनीय है। पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा, "कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि उन्होंने अपने ही प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ कैसा व्यवहार किया था।"

स्मारक विवाद: परंपरा बनाम राजनीति

भारत में पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए स्मारक बनाए जाने की परंपरा रही है। राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक स्थल बनाए गए। ऐसे में डॉ. सिंह, जो देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के लिए जाने गए, के स्मारक को लेकर हो रही राजनीति कई सवाल खड़े करती है।

डॉ. सिंह की अंतिम यात्रा

डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हुआ। उनका पार्थिव शरीर सुबह 8.30 बजे से कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया, जहां नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें अंतिम विदाई दी। 11.45 बजे निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

निष्कर्ष

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देश में शोक की लहर है। ऐसे समय में स्मारक को लेकर विवाद और सियासी बयानबाजी दुर्भाग्यपूर्ण है। राजनीति से ऊपर उठकर, उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद करना चाहिए। स्मारक का मुद्दा समाधान की ओर बढ़े, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।