- भारत,
- 14-Apr-2025 05:50 PM IST
PM Modi News: भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार में आयोजित एक जनसभा में कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल अंबेडकर के विचारों का अनादर किया, बल्कि उन्हें हमेशा सिस्टम से बाहर रखने की साजिश रची।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, "हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के साथ क्या किया। जब तक वह जीवित रहे, कांग्रेस ने उनका अपमान किया। उन्हें दो बार चुनाव में हराया गया। कांग्रेस ने हमेशा उनके विचारों को दबाने की कोशिश की।"
संविधान और वोट बैंक की राजनीति पर निशाना
मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के संविधान की आत्मा को कुचला। उन्होंने कहा, "बाबा साहेब समानता के पक्षधर थे, लेकिन कांग्रेस ने पूरे देश में वोट बैंक की राजनीति का वायरस फैला दिया। जब भी कांग्रेस को सत्ता का संकट हुआ, उन्होंने संविधान को कुचलने में संकोच नहीं किया — चाहे वह आपातकाल का दौर रहा हो या फिर सत्ता बचाने की कोई और कोशिश।"
वक्फ कानून और मुस्लिम समुदाय का मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के 2013 के वक्फ कानून संशोधन को लेकर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने मुसलमानों को खुश करने के लिए वक्फ कानून में बदलाव किया, लेकिन उसका उद्देश्य समुदाय का भला करना नहीं, बल्कि केवल उनका वोट पाना था। अगर वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग होता, तो मुस्लिम नौजवानों को पंक्चर नहीं बनाना पड़ता।"
"कांग्रेस की नीयत में खोट"
मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय को महज वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा, "अगर कांग्रेस को मुसलमानों से इतना ही लगाव है, तो आज तक किसी मुस्लिम को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया? क्या उन्हें 50% टिकट मुस्लिमों को दिए गए?" उन्होंने आगे कहा कि नया वक्फ संशोधन कानून केवल मुस्लिम समुदाय ही नहीं, बल्कि आदिवासियों के हक की भी रक्षा करेगा।
अंबेडकर के सम्मान की बात और राजनीतिक संदेश
रैली के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, "आज जब हम अंबेडकर जयंती मना रहे हैं, तो हमें उनके विचारों को केवल स्मरण करने की नहीं, बल्कि आत्मसात करने की जरूरत है।"
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सिर्फ अंबेडकर को श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि यह आगामी चुनावी माहौल में कांग्रेस के खिलाफ एक रणनीतिक और तीखा राजनीतिक संदेश भी था।