Supreme Court / 'कल को आप महात्मा गांधी को अंग्रेजों का नौकर बता देंगे', SC ने राहुल को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर मानहानि केस में राहुल गांधी को चेतावनी दी कि स्वतंत्रता सेनानियों पर बिना समझे बयान न दें। कोर्ट ने कहा, महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी ने सावरकर को सम्मान दिया था। भविष्य में ऐसे बयान पर स्वतः संज्ञान लिया जाएगा। निचली अदालत का समन फिलहाल रोका गया।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर मानहानि मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने राहुल गांधी के बयान पर गंभीर चिंता जताते हुए उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों से बचने की चेतावनी दी।

अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान का भाव बनाए रखना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है, विशेषकर उन नेताओं की जो जनता के सामने अपने विचार रखते हैं। न्यायालय ने विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया कि महात्मा गांधी स्वयं सावरकर का सम्मान करते थे और उन्होंने "फेथफुल सर्वेंट" जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। साथ ही, अदालत ने यह भी याद दिलाया कि इंदिरा गांधी ने सावरकर को पत्र लिखा था, जो उनके प्रति श्रद्धा को दर्शाता है।

राहुल गांधी को कड़ी चेतावनी

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने कहा, "आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को समझे बिना इस तरह के बयान नहीं दे सकते। कल को आप यह भी कह देंगे कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे, क्योंकि उन्होंने सावरकर के लिए 'फेथफुल सर्वेंट' लिखा था?" कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में राहुल गांधी ने इस तरह का कोई और बयान दिया, तो न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू करेगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता से कोर्ट का सवाल

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पीठ ने यह भी पूछा कि क्या राहुल गांधी को ज्ञात है कि महात्मा गांधी ने अपने पत्रों में अक्सर ब्रिटिश अधिकारियों के लिए "आपका वफादार सेवक" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। यह प्रश्न इस ओर संकेत करता है कि ऐतिहासिक प्रसंगों को संदर्भ से काटकर प्रस्तुत करना न्यायोचित नहीं है।

शिकायतकर्ता और यूपी सरकार को नोटिस

इस मामले में कोर्ट ने शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे को भी नोटिस जारी किया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने एक जनसभा में सावरकर का "जानबूझकर" अपमान किया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस भेजते हुए कोर्ट ने उनसे जवाब तलब किया है।

निचली अदालत के समन पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें निचली अदालत द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। यह निर्णय राहुल गांधी को फिलहाल राहत प्रदान करता है, लेकिन भविष्य में उनके बयानों की गंभीर निगरानी तय है।