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- 11-Mar-2025 06:00 AM IST
Holi 2025: कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी होली के त्यौहार में चीन निर्मित सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों ने बहिष्कार किया है। भारतीय निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन, पूजा सामग्री, परिधान आदि की बिक्री में ज़बरदस्त उछाल देखा जा रहा है।
बाजार में विविधता और मांग होली से पहले मिठाइयां, ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े, फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, और कंज्यूमर ड्युरेबल्स की मांग तेजी से बढ़ी है। उपभोक्ताओं के बढ़ते खर्च के चलते कई व्यवसायों में होली के दौरान तेज़ी आई है। रंग-अबीर खेलने के लिए सफेद टी-शर्ट, कुर्ता-पाजामा, सलवार-सूट और 'हैप्पी होली' लिखे टी-शर्ट की बिक्री बढ़ रही है।त्योहार और व्यापार की परंपरा खंडेलवाल ने कहा कि भारत त्योहारों का देश है और हर धार्मिक आयोजन व्यापार को गति प्रदान करता है। होली के माध्यम से आर्थिक गतिविधियां तेज़ होती हैं, जिससे छोटे व्यापारियों, लघु उद्योगों और एमएसएमई सेक्टर को विशेष लाभ मिलता है। इस वर्ष की होली देश भर के व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है।60,000 करोड़ रुपये का व्यापार कैट के अनुसार, इस साल होली के दौरान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के 50,000 करोड़ रुपये से लगभग 20% अधिक है। दिल्ली के बाजारों में ही लगभग 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है।होली समारोहों की धूम दिल्ली सहित पूरे देश में बड़े पैमाने पर होली समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। बैंक्वेट हॉल, फार्महाउस, होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक पार्कों में होली मिलन समारोहों की धूम है। अकेले दिल्ली में 3,000 से अधिक होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं, जिससे बाजारों में रौनक बनी हुई है। व्यापारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों द्वारा भी बड़े पैमाने पर समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।गुजिया और पारंपरिक मिठाइयों की बिक्री में उछाल होली का पर्व आते ही दिल्ली के थोक और खुदरा बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी है। मिठाई की दुकानों पर खासतौर से गुजिया, पापड़ी और अन्य पारंपरिक मिठाइयों की बिक्री जोरों पर है। फल, मेवे और उपहार सामग्री की खरीदारी भी ज़ोरों पर है।होली की तिथि और बाजार की रंगत दिल्ली में 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा, जबकि 14 मार्च को रंगों का पर्व मनाया जाएगा। बाजारों में खरीदारी जोरों पर है, दुकानों पर रंग-बिरंगे गुलाल, पिचकारी और अन्य होली से जुड़ी सामग्री से सजी हुई हैं।हर्बल रंगों की बढ़ती मांग इस साल भी हर्बल रंग, अबीर और गुलाल की मांग अधिक है। बच्चे विशेष रूप से स्पाइडर मैन, छोटा भीम जैसी थीम वाली पिचकारियों को पसंद कर रहे हैं। गुलाल के स्प्रे और आकर्षक डिज़ाइनों की पिचकारियों की बिक्री भी तेज़ हो रही है।निष्कर्ष होली का त्योहार न केवल रंगों और खुशियों का प्रतीक है बल्कि यह आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है। स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग, व्यापारिक गतिविधियों में उछाल, और उत्साहपूर्ण बाजार वातावरण यह दर्शाता है कि भारत में त्योहार केवल सांस्कृतिक महत्व ही नहीं रखते, बल्कि आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं।