BA.2 का कहर / इटली में दो दिन में मिले 90 हजार केस, फ्रांस में भर्ती होने वाले बढ़े, जानिए दुनियाभर में क्या हैं हालात

कोरोना वायरस के सबसे तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट का उप स्वरूप BA.2 यूरोप में कहर ढा रहा है। इटली में दो दिनों में 90 हजार संक्रमित मिले हैं, वहीं फ्रांस में अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। चीन के शंघाई में मरीज बढ़ते जा रहे हैं। एशियाई देशों में कोरोना मामलों में स्थिरता दिखाई दे रही है। हांगकांग में तो हालात सुधर रहे हैं।

Vikrant Shekhawat : Mar 29, 2022, 11:18 AM
कोरोना वायरस के सबसे तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट का उप स्वरूप BA.2 यूरोप में कहर ढा रहा है। इटली में दो दिनों में 90 हजार संक्रमित मिले हैं, वहीं फ्रांस में अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। चीन के शंघाई में मरीज बढ़ते जा रहे हैं। एशियाई देशों में कोरोना मामलों में स्थिरता दिखाई दे रही है। हांगकांग में तो हालात सुधर रहे हैं। 

बीए.2 ने इस माह यूरोप और चीन के कुछ हिस्सों में  तेजी से पैर पसारे। फ्रांस, इटली, जर्मनी और ब्रिटेन में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। चीन का शंघाई शहर इस वैरिएंट का नया हॉटस्पॉट बन गया है। वहां सोमवार को 4400 नए केस मिले हैं। शहर के कई इलाकों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है। 

इन देशों में क्या हैं हालात

फ्रांस : बीते 24 घंटे में फ्रांस में अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या 467 बढ़कर 21,073 हो गई। फरवरी के बाद से यह एक दिन की इस तरह की सबसे ज्यादा संख्या है।  

हांगकांग : सोमवार को 7685 नए कोविड संक्रमित मिले। विश्व के इस वित्तीय हब में हालात अब स्थिर हो रहे हैं। 

चीन : प्रमुख व्यावसायिक शहर शंघाई में 4400 नए मामले मिले हैं। दो साल बाद चीन में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। शंघाई में लॉकडाउन समेत कई कड़ी पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। 

इटली : मात्र दो दिन में 90 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। सोमवार को 30,710 नए संक्रमित मिले। रविवार को यहां 59,555 केस मिले थे। 

भारत : अन्य देशों में जहां कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, वहीं भारत में इनमें गिरावट का दौर जारी है। इसी कारण अमेरिका ने भारत यात्रा को लेकर पाबंदियों में ढील दी है। भारत की कोविड रेटिंग लेवल 3 यानी उच्च जोखिम वाले देश से घटाकर लेवल 2 यानी कम जोखिम वाला देश कर दी है। 

वैश्विक टीकाकरण में असमानता जिम्मेदार?

माना जा रहा है कि कोरोना के नए सिरे से सिर उठाने के लिए वैश्विक टीकाकरण में असमानता जिम्मेदार है। विकसित देशों द्वारा तैयार वैक्सीन के पेटेंट को खत्म करने की मांग उठती रही है, ताकि दुनियाभर की दवा कंपनियां इनका उत्पादन कर अपने-अपने देशों में टीकाकरण तेज कर सकें। अभी टीके महंगे होने से कई गरीब देशों की पहुंच से बाहर हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के टीकाकरण अभियान में वैक्सीन कंपनियां योगदान दे रही हैं, लेकिन यह नाकाफी है।

कोरोना गया नहीं है : डब्ल्यूएचओ

उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ चेताया है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, कोरोना अभी गया नहीं है।  चीन में इसका अब तक की सबसे तेज गति से फैलना चिंताजनक है। यह भी कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन के बीए.1 व बीए.2 वैरिएंट के मिलने से यदि कोई  नया वैरिएंट बना तो दुनिया के सामने महामारी की नई चुनौती पेश कर सकता है।