देहरादून. योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने कोरोना की दवा कोरोनिल (Coronil) बनाने पर यू-टर्न ले लिया है. उन्होंने कहा कि हमने कभी ये नहीं कहा कि कोरोनिल कोरोना को ठीक या नियंत्रित करती है. हमने कहा था कि हमने एक दवा बनाई है, जो कि परीक्षण में कोरोना मरीज के लिए फायदेमंद साबित हुई है. इसमें कोई भ्रम नहीं है.
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We never told the medicine (coronil) can cure or control corona, we said that we had made medicines and used them in clinical controlled trial which cured corona patients. There is no confusion in it: Acharya Balkrishna, CEO Patanjali pic.twitter.com/LfPCxML0jg
— ANI (@ANI) June 30, 2020
उत्तराखंड के आयुष विभाग को भेजे गए नोटिस का जवाब देते हुए पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि उन्होंने कभी भी कोरोना की दवा बनाने का दावा नहीं किया था. उन्होंने कहा कि हां हम यह कह सकते हैं कि हमने ऐसी दवाई बनाई है, जिससे कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं. आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद अब भी अपने दावे और दवा पर कायम है. हमने कभी भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा नहीं किया है. सरकार की अनुमति और उनकी गाइडलाइन के हिसाब से जो दवा तैयार की गई है उससे कोरोना के मरीज ठीक जरूर हुए हैं. बता दें कि पिछले 23 जून को पतंजलि आयुर्वेद ने राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था. पतंजलि आयुर्वेद की ओर से जो दवा पेश की गई थी उसका नाम कोरोनिल और श्वासारी बटी रखा गया था.
23 जून को लॉन्च की गई थी दवा
गौरतलब है कि बीते 23 जून को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया कि उन्होंने कोरोना वायरस के इलाज की दवा बना ली है. राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना की दवा बनाने का दावा कर रामदेव ने कोरोना-किट नाम से इसे लॉन्च भी किया. लॉन्च की गई दवा का नाम कोरोनिल और श्वासारी बटी था. दवा लॉन्च करने समय रामदेव और उनकी कंपनी ने दावा किया था कि इसका कई मरीजों पर परीक्षण किया गया था, जिसके नतीजे सकारात्मक आए थे. लेकिन इस दावे पर सवाल उठाते हुए आयुष मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस भेजा था. इसके बाद उत्तराखंड ड्रग कंट्रोलर की ओर से भी नोटिस भेजा गया था.
बहरहाल, आज उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोरोना के वायरस से निजात दिलाने वाली कोरोनील को लॉन्च करने के खिलाफ दायर याचिका पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कहा है कि वो अपना पक्ष कोर्ट में रखे. हाईकोर्ट पूरे मामले पर बुधवार सुनवाई करेगा.
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि पिछले मंगलवार को बाबा रामदेव व उनके सहयोगी ने कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिये पतंजलि की दिव्य योग फार्मेसी कम्पनी द्वारा कोरोनिल दवा को लॉन्च किया था जिसके बाद अब अधिवक्ता मनि कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर इस दवा को बाजार में बैन करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि दवा कम्पनी ने आईसीएमआर द्वार जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो आयुष मंत्रालय भारत सरकार की भी अनुमति नहीं ली और ना ही आयुष विभाग उत्तराखण्ड से कोरोना की दवा बनाने के लिये आवेदन किया.
याचिका में कहा गया है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की आड़ में बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा निर्माण किया और कम्पनी द्वारा निम्स विश्वविघालय राजस्थान द्वारा दवा का परीक्षण होना बताया गया. जबकि निम्स का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी भी दवा का क्लीनिकल परीक्षण नहीं किया है. याचिका में बाबा पर दवा का भ्रामक प्रचार करने के आरोप के साथ कहा गया है कि इसका क्लीनिकल परीक्षण नहीं किया गया है. इसके उपयोग से शरीर में क्या साइडइफेक्ट होंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है. याचिका में दवा को बाजार में रोकने और भ्रामक प्रचार पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है.