Adani Group Shares / US में लगे सभी आरोपों को अडानी ने बताया निराधार, कहा- हम कानून का पालन करने वाले संगठन

अमेरिकी अभियोजकों ने उद्योगपति गौतम अडानी पर भारत में रिश्वत देने का आरोप लगाया, जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आई। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे कानूनी उपाय करेंगे और अपने संचालन में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 21, 2024, 10:40 PM
Adani Group Shares: भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा रिश्वत देने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी बिकवाली देखी गई। अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) ने अडानी ग्रुप पर आरोप लगाया है कि कंपनी ने भारत में सोलर पावर परियोजना के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी। इन आरोपों के बावजूद, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कानूनी कदम उठाने की बात की है।

अडानी ग्रुप का बयान

अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए एक मीडिया बयान जारी किया। बयान में कहा गया, "अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के डायरेक्टर्स पर लगाए गए आरोप बिना किसी आधार के हैं। हम इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।" इसके साथ ही, अडानी ग्रुप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी न्याय विभाग ने स्वयं यह कहा है कि आरोपितों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि उन्हें दोषी साबित नहीं किया जाता।

अडानी ग्रुप ने अपने सभी परिचालन क्षेत्रों में पारदर्शिता, शासन और नियामक अनुपालन बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। "हम अपने सभी हितधारकों को यह आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं," समूह ने बयान में कहा।

क्या हैं आरोप?

अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारत में 2020 से 2024 के बीच सरकारी अधिकारियों को करीब 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी, ताकि उन्हें सोलर पावर परियोजनाओं के लिए अनुकूल शर्तें मिल सकें। इन आरोपों के मुताबिक, इस रिश्वत से अडानी ग्रुप को लगभग दो अरब डॉलर का लाभ होने का अनुमान है। अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि यह रिश्वत उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाई गई, जिन्होंने इस परियोजना के लिए अडानी ग्रुप को अरबों डॉलर का फंड मुहैया कराया था।

अमेरिकी अटॉर्नी का बयान

न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने इस मामले में बयान देते हुए कहा, "प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत साजिश रची।" उनका कहना था कि इन आरोपों के जरिए अमेरिकी कानून की अवहेलना की गई है, और इस प्रकार के भ्रष्टाचार के मामलों को अमेरिकी न्यायालयों में सुनवाई के लिए लाया जा सकता है, क्योंकि यह अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से जुड़ा हुआ है।

शेयरों में गिरावट

इस पूरे मामले के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों के बीच चिंता का माहौल उत्पन्न हुआ है, जिससे अडानी समूह के बाजार मूल्य में कमी आई है। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इस गिरावट को अस्थायी बताते हुए इसे कानूनी प्रक्रियाओं के अनुरूप समाधान की उम्मीद जताई है।

अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया और भविष्य

अडानी ग्रुप ने अपने पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह सभी कानूनी उपायों का पालन करेगा और इस मामले में पूरी पारदर्शिता बनाए रखेगा। समूह ने यह भी आश्वस्त किया है कि सभी आरोपों का उचित तरीके से निपटारा किया जाएगा और कंपनी अपने कामकाजी मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह मामला अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, लेकिन इसके साथ ही यह भी स्पष्ट है कि समूह पूरी स्थिति को कानूनी तरीके से सुलझाने के लिए तैयार है। अब देखने वाली बात यह होगी कि अमेरिकी न्यायिक प्रक्रिया में क्या नया मोड़ आता है और इससे अडानी ग्रुप की वैश्विक छवि पर क्या प्रभाव पड़ता है।